करनाल (मज़दूर मोर्चा) रबी फसल की खरीद शुरू होते ही करनाल-मेरठ और घीड टापू यूपी बॉर्डर पर रोक लगाए जाने से परेशान अनाज मंडी आढ़ती व्यापारी समूह ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर प्रतिबंध हटवाने की मांग की है।
आढ़तियों के अनुसार अनाज मंडी के 80 फीसदी से व्यापारी यूपी के किसानों की फसल पर ही निर्भर हैं। हरियाणा के खासकर करनाल के सैकड़ों किसानों की खेती उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती गांवोंं में है। यूपी के इन जैसे अनेक किसानों से आढ़तियों का लेन देन पिछले अनेक वर्षों से चल रहा है। फसल सीजन पर प्रशासन ने यूपी बॉर्डर पर गेहूं आदि अनाज के प्रवेश पर सख्ती से पाबंदी लगा दी है। इससे यहां के आढ़तियों की आजीविका पर संकट आ गया है और सरकार को भी मार्केट फीस नहीं मिलने के रूप में राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। हरियाणा के बाकी बॉर्डर तो फसल की ढुलाई के लिए खुले हैं लेकिन केवल यूपी-करनाल और घीड टापू बॉर्डर को ही बंद रखा गया है। डीसी के द्वारा सीएम को भेजे गए ज्ञापन में आढ़तियों ने उनका व्यवसाय बचाने के लिए बॉर्डर पर प्राइवेट गेट पास कटवा कर यूपी के किसानों को फसल लाने और बेचने की अनुमति देने की गुहार लगाई है। ऐसा होने से आढ़तियों का कारोबार चलेगा और प्रदेश की फ्लोर मिल, आटा चक्की की आपूर्ति भी होती रहेगी।