करनाल। करनाल जिले का कुटैल गांव के पूर्व मंत्री मुल्तान सिंह, घरौंडा के विधायक हरविंदर कल्याण और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व सचिव एडवोकेट राजेंद्र कल्याण का पैतृक गांव है। इस गांव के लोगों ने दानशीलता की मिसाल कायम कर गांव की एक सौ चालीस एकड़ जमीन कल्पना चावला मैडिकल यूनिवर्सिटी के लिए एक रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार को 99 साल के लिए लीज पर दी थी । गांव वालों ने सोचा था कि उनके गांव में विश्व पटल पर छाने वाली मेडिकल यूनिवर्सिटी बनेगी। गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां के बच्चों को प्रवेश में प्राथमिकता मिलेगी। लेकिन अब गांव वाले अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
गांव वालों ने जिस समय जमीन दी थी। उस समय सरकार से कहा था कि यह जमीन करनाल की बेटी कल्पना चावला के नाम पर बनने वाली मैडिकल यूनिवर्सिटी के लिए दे रहे हैं। लेकिन सरकार ने धोखा करते हुए जमीन पर बनने जा रही मैडिकल यूनिवर्सिटी का नाम बदल कर दीन दयाल मैडिकल यूनिवर्सिटी कर दिया। गांव वालों का कहना है कि नाम ही बदलना था तो गुरु ब्रह्मतानंद जी के नाम पर कर देते । गांव वालों के इस दर्द को मुहिम बना कर लड़ाई लडऩे की तैयारी इस गांव के ही राजनेता तथा हरियाणा कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव तथा एडवोकेट राजेंद्र कल्याण कर रहे हैं। उनके पिता चौधरी मुल्तान सिंह घरौंडा से विधायक रह चुके थे। उनका परिवार राजनीतिक परिवार है। उन्होंने बताया कि गांव के लोगों ने 140 एकड़ जमीन पंचायत को गौ चंरांद और पंचायत की आमदनी बढ़ाने के लिए दी थी। गांव की यह बेशकीमती जमीन सरकार ने लेने के बाद ना तो गौ चरांद के लिए वैकल्पिक जमीन दी और न ही पंचायत को आर्थिक पैकेज दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस पर परिवारवाद तथा अपने नेताओं के नाम पर योजना और सरकारी संस्थान बनाने का आरोप लगाती है। लेकिन भाजपा की सरकार ने कल्पना चावला के नाम पर बनने वाले संस्थान का नाम बदल कर अपने नेता दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया। कोई बताए कि शिक्षा और मैडिकल के क्षेत्र में दीन दयाल उपाध्याय का क्या योगदान हैं। गांव वालों के लिए दीन दयाल क्या हैं। गुरु ब्रह्मानंद करनाल पानीपत कुरुक्षेत्र कैथल के साथ साथ आसपास के क्षेत्रों में आस्था के प्रतीक हैं। हर गांव में उनके आश्रम हैं। उनका शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान हैं। उन्होंने बताया कि जहां भी मैडिकल या इंजीनियरिंग संस्थान बनता है। तो उस गांंव या शहर के लोगोंं का एडमीशन और नौकरियों में कोटा फिक्स होता है। लेकिन यहां ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि गांव वालों ने संस्थान के लिए अपनी करोड़ों की जमीन फ्री में दी है। उसके बाद भी सरकार ने गांव वालों को ठग लिया है। सरकार ने गांव वालों के साथ विश्वासघात किया है उन्होंने मांग की कि सरकार सबसे पहले गांंव को विकास के लिए विषेष पैकेज दे। गौ चंराद के जमीन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करे। साथ ही यहां के युवाओं के लिए एडमीशन और नौकरियों में कोटा फिक्स करे। इस मैडिकल यूनिवर्सिटी का नाम गुरु ब्रह्मानंद मैडिकल यूनिवर्सिटी रखा जाए। अन्यथा गांव के लोगों की नाराजगी सरकार और भाजपा पर भारी पड़ेगी।
भाजपाई खट्टर सरकार द्वारा कुटेल निवासियों के साथ की गई इस धोखाधड़ी के लिये उनका उद्वेलित होना स्वाभाविक है। यह कोई छोटी-मोटी ठगी नहीं है। गांव की 140 एकड़ बेशकीमती ज़मीन की ठगी का मामला है यह। अगर खट्टर को यहां संघी अराध्य दीन दयाल को ही बसाना था तो ज़मीन लेते वक्त क्यों नहीं कहा?
रही बात मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने की तो इस बाबत ‘मज़दूर मोर्चा’ ने उसी वक्त लिख दिया था कि यह काम इस सरकार के बूते का नहीं है। ग्रामीणों को बहुत बड़ा धोखा दिया गया था कि यूनिवर्सिटी में उनके बच्चे पढ़ेंगे तथा युवाओं को उसमें रोजगार मिलेगा। इस तरह की यूनिवर्सिटी में कोई पढ़ाई-लिखाई का काम नहीं होता, मेडिकल पढ़ाई के लिये तो केवल मेडिकल कॉलेज होते हैं। इस तरह की यूनिवर्सिटी तो केवल मेडिकल कॉलेजों को एफीलिएशन देने का काम करती है। इसके लिये रोहतक में पहले से ही एक यूनिवर्सिटी मौजूद है जिसका खर्चा चलाना भी हरियाणा सरकार को बहुत भारी पड़ रहा है। जानकार बताते हैं कि खट्टर सरकार इस अधबने संस्थान को औने-पौने में बेचकर निकलने की फिराक में है। अब गांव वालों को खट्टर की इस चालबाज़ी से निपटने के लिये लामबंद होना चाहिये।