करनाल (आज़ाद शर्मा) करनाल शहर की कॉलोनियों और सेक्टरों में लोग बंदरों और आवारा कुत्तों से बड़े परेशान हैं। लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नगर निगम बंदर पकडऩे में सफल नहीं हो पा रहा है। हालात यह है कि अब नगर निगम के ठेकेदार बंदरों को पकडऩे का ठेका बीच में छोडक़र चले गए हैं। वर्तमान में कोई भी ठेकेदार बंदरों का ठेका लेने को तैयार नहीं है।
शहर के हालात काफी खराब हो चुके हैं बंदरों व आवारा कुत्तों के कारण लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की परेशानी इस कदर बढ़ गई है कि यह बंदर लोगों के घर तक का सामान उठाकर ले जाते हैं। और आवारा कुत्ते सडक़ पर चल रहे लोगों को काट लेते हैं। सदर बाजार, मीर सदर मोहल्ला मॉडल टाउन, जुंडला गेट सेक्टर 6, 7, 8, 9 की बात करें तो इन घरों में बंदरों व आवारा कुत्तों का पूरा आंतक है। इन बंदरों व आवारा कुत्तोंं के डर के मारे छोटे बच्चे गली में व अपने घरों की छतों पर खेलने से डरते हैं। और बुजर्ग तो बुजुर्ग आम आदमी रास्ते से गुजरने से डरते हैं कि कहीं ये आवारा कुत्ते उन्हें काट न लें, हालात ये हैं कि बुजर्गों को हाथ मे डंडा लेकर सडक़ से गुजरना पड़ रहा है। स्कूटर पर जा रहे लोगों के भी पीछे दौडऩे लगते हैं।
वहीँ दूसरी और नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि पिछले 5 साल से कई टेंडर बंदर पकडऩे के लिए दिए गए हैं। लेकिन कोई भी ठेकेदार बंदर पकडऩे के लिए तैयार नहीं और अपना टेंडर बीच में छोडक़र चला जाता है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार प्रति बंदर 800 रुपये नगर निगम की ओर से ठेकेदार को दिया जाते थे। इसके बावजूद कोई भी बंदर पकडऩे का काम अपने हाथ मे नही लेना चाहता।