वीटा मिल्क बूथ में हजारों की चोरी, एफआईआर दर्ज करने के बजाय मालिक को ही धमकाया

वीटा मिल्क बूथ में हजारों की चोरी, एफआईआर दर्ज करने के बजाय मालिक को ही धमकाया
January 25 17:13 2024

फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) सेक्टर सात मार्केट में स्थित वीटा मिल्क बूथ मालिक सुरेन्द्र शर्मा ने $फोन कर इस संवाददाता को बाताया कि 5-6 जनवरी की मध्य रात्रि को चोर उसके ताला लगे बूथ की कुंडी तोडक़र उसमें रखे घी, मक्खन, पनीर, दूध, ब्रेड लभगग दो हजार रुपये नकदी आदि के अलावा कई अन्य छोटी-मोटी चीजें उठाकर ले गये। 6 जनवरी को प्रात: करीब पांच बजे जब उसने अपने बूथ पर आकर यह सब देखा तो पुलिस चौकी सेक्टर सात को फोन किया। फोन उठाने वाले पुलिसकर्मी ने कहा कि बूथ का फोटो खींच कर चौकी आ जाए। सुरेन्द्र ने कहा कि कृपा करके मौका-मुआयना तो कर लें, फोटो आदि तो मैंने खींच रखी है। लेकिन पुलिस कर्मी ने मौके से आने पर इनकार कर दिया।

इसके बाद पीडि़त ने जैसे-तैसे खोजबीन करके 112 नम्बर पर अपनी शिकायत दर्ज कराई तो जैल सिंह नामक एक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचा। उसने कोई वाजिब कार्रवाई करने की बजाय उल्टे पीडि़त से ही चोरी हुए सामान के बिल-पर्चे आदि मांगे। वीटा एक सरकारी कम्पनी होने के नाते सारा माल बिल-पर्चों पर ही सप्लाई करती है, सो इस बात से पीडि़त को कोई परेशानी नहीं हुई और उसने सब दिखा दिये। इसके बाद जैल सिंह ने बूथ को ही अवैध बताते हुए यहां से हटाने को कहा।

पीडि़त ने कहा कि वीटा कम्पनी ने बीसियों वर्ष पहले ‘हूडा’ से यह जगह अलॉट करा कर उसे दी थी जिसके तमाम कागजात उसके पास मौजूद हैं। इसी दौरान सुरेन्द्र ने पास ही में लगे पनवारी की गुमटी से बीती रात 7000 रुपये के सामान की चोरी की बात भी कह दी। बस फिर क्या था। पुलिसकर्मी आग बबूला होते हुए कहने लगा कि इन अवैध खोखों वालों ने तंग कर रखा है, इन सबको हटवायेंगे। तत्पश्चात जैल सिंह बिना कोई कार्रवाई किये ही चला गया।

सुरेन्द्र ने सारे मामले की शिकायत थाना सेक्टर सात के एसएचओ आनंद पाल से की तो वे मौके पर पहुंचे तो सही, लेकिन अपने निकम्मे व बदजुबान पुलिसर्मियों को ठीक करने तथा मुकदमा दर्ज करने की अपेक्षा पीडि़त को ही समझाने-बुझाने लगे कि क्या रखा है मकुदमा दर्ज कराने में, कुछ होना-जाना तो है नहीं। इसलिये अपनी दरख्वास्त वापस ले लो। थोड़ा और डराने-धमकाने के बाद सुरेन्द्र ने अपनी दरख्वास्त वापस ले ली। इस संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर पीडि़त ने कहा कि पुलिस वालों से कौन पंगा ले? इनसे तो डरकर ही रहना पड़ता है। जगह-जगह तो नाके लगाये $रखे रहते हैं, जब मन चाहेगा उसको लपेट लेंगे।

पुलिस आयुक्त राकेश आर्या के साथ-साथ गृह मंत्री अनिल विज भी जान लें कि उनकी पुलिस जनता के जान-माल की सुरक्षा कितने ‘बढिय़ा’ तरीके से कर रही है?
यह वही पुलिस चौकी है जहां गत वर्ष शिवकुमार जोशी एडवोकेट अपने मोबाइल चोरी का मुकदमा दर्ज कराने गये थे तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की हरामखोरी का नमूना प्रकाश में आया था। जैसे-तैसे उस वक्त मुकदमा दर्ज हो पाने की वजह से वह मोबाइल चोर तो भले ही पकड़ा गया लेकिन उनका मोबाइल व बैंक खाते से निकाली गई रकम का बरामद होना अभी तक बाकी है।

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