विधायक सीमा त्रिखा को बीमार बीके अस्पताल की सुध लेने की सूझी

विधायक सीमा त्रिखा को बीमार बीके अस्पताल की सुध लेने की सूझी
October 18 03:08 2022

फरीदाबाद (म.मो.) दिनांक 10 अक्टूबर को स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा ने अपने क्षेत्र में स्थित बादशाहखान अस्पताल का दौरा करके वहां पर होने वाली मरीजों की दुर्दशा को देखने व समझने का प्रयास किया।

गतांक में सुधी पाठकों ने इस बीके अस्पताल में मरीजों की दुर्दशा के साथ-साथ लोकल परचेज में हो रहे घोटाले के बारे में विस्तार से पढ़ा ही होगा। भारी मात्रा में लोकल परचेज होने के अलावा सतीश चौपड़ा जैसे अनेकों दानवीर भी समय-समय पर अस्पताल को दवाइयां दान करते रहते हैं। इसके बावजूद, अस्पताल में मौजूद गरीबों का खून चूसने वाली जोंकें हर छोटी से छोटी दवाई, मलहम-पट्टी आदि के लिये उन्हें बाजार की ओर दौड़ाती रहती हैं।

इसके अलावा अस्पताल स्टाफ में मौजूद प्राइवेट अस्पतालों के दल्ले हर मरीज को अपनी-अपनी सेटिंग वाले निजी अस्पतालों की ओर धकेलते रहते हैं। पर्याप्त मात्रा में सफाई कर्मचारी व अन्य सहायक स्टाफ होने के बावजूद अस्पताल के गलियारों तथा वार्डों में गंदगी व सड़ांध छाई रहती है। दरअसल ठेकेदारी में काम करने वाले इन कर्मचारियों में से अधिकांश फरलो पर रहते हैं अथवा अधिकारियों द्वारा उन्हें कहीं और इस्तेमाल किया जा रहा होता है।

‘मज़दूर मोर्चा’ द्वारा लगातार इन विषयों पर आवाज बुलंद किये जाने के बावजूद, अब पहली बार लगता है कि स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा तक गरीबों की आवाज पहुंच पाई है। उन्होंने पूर्व सूचना तथा पीएमओ को साथ लिये बगैर ही पूरे अस्पताल का अवलोकन कर डाला। सबसे ज्यादा गंद मचने वाले महिला एवं प्रसूति वार्ड में सर्वाधिक समय लगा कर महिला मरीज़ों की समस्याओं को सुना। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात चार-पांच डॉक्टर जरूर स्वत: ही उनके साथ लग लिये थे। परन्तु अपने वातानुकूलित दफ्तर में, अपराध बोध से ग्रसित बैठी पीएमओ डॉ. सविता यादव, विधायक महोदया के सामने जाने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाई।

बेशक यह अस्पताल सीमा त्रिखा के क्षेत्र में पड़ता है, लेकिन जिले भर का मुख्य सरकारी अस्पताल होने के नाते तमाम 6 विधायकों तथा सांसद का दायित्व बनता है कि वे इस अस्पताल पर कड़ी निगरानी रखें। शायद ही कोई दिन खाली जाता होगा जब इस अस्पताल के काले-पीले कारनामे मीडिया द्वारा प्रकाशित न किये जाते हों। इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों का, इसके प्रति उदासीन बना रहना उन सबको दोषी ठहराता है। यदि ये जनप्रतिनिधी ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक इस अस्पताल के साथ-साथ अन्य सम्बन्धित स्वास्थ्य केन्दों पर नजर रखें तो जनता को का$फी राहत मिल सकती है।

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Mazdoor Morcha
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