रोहतक (म.मो.) जि़ले के उपमंडल महम में बतौर एएसपी तैनात हेमेन्द्र कुमार मीणा आईपीएस ने अपने एसपी से लेकर डीजीपी व विधानसभा अध्यक्ष तक शिकायत भेजी है। स्थानीय निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु ने उन्हें उनके दफ्तर में आकर बुरी तरह से हडक़ाया-धमकाया और दुव्र्यहार किया। अपनी शिकायत में वे कुंडु के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हैं। यह तो हाल है एक आईपीएस अफसर का जो अपने प्रति हुए दुव्र्यवहार की शिकायत अपने उच्चाधिकारियों से कर रहा है। शुक्र है कि विधायक उन्हें पीट-छेत कर नहीं गया। ऐसे पुलिस अधिकारी जनता की क्या सुरक्षा करेंगे?
उपलब्ध जानकारी के अनुसार विधायक कुंडु, कणिका गिरधर नामक एक महिला की गिरफ्तारी के लिये एएसपी पर दबाव डालने उनके कार्यालय गये थे। करीब 52 वर्षीय कणिका महम में ही अपना एक स्कूल चलाती हैं, इनके बेटा-बेटी दोनों एमबीबीएस कर रहें हैं। इनके पति व देबर भाजपा के पदाधिकारी हैं। देवर स्थानीय पार्षद भी रह चुका है। कणिका पर आरोप है कि उसके व कुछ अन्य लोगों के दबाव में 35 वर्षीय संदीप ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली थी। संदीप ने सुसाइड नोट में अन्य लोगों के अलावा कणिका को भी अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। अपुष्ट समाचारों के अनुसार संदीप और कणिका के बीच कुछ अधिक ही घनिष्ठता थी।
पुलिस ने कणिका को छोड़ कर बाकी लोगों को तो गिरफ्तार कर लिया था लेकिन जनता द्वारा दबाव देने के बावजूद भी उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा था। बताया जाता है कि एक दिन तो कस्बे के कुछ लोग पुलिस वालों को लेकर कणिका के स्कूल तक पहुंच गये थे लेकिन फिर भी पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। इसी बात से आक्रोषित होकर स्थानीय विधायक कुंडु एएसपी मीणा के दफ्तर में जा घुसा और उन्हें जी भर कर खरी-खोटी सुना दी। इलाके के लोग बताते हैं कि बावर्दी मीणा को भाजपाई राज्यसभा सांसद रामचन्द्र जांगड़ा के पैर छूने में भी कोई शर्म महसूस नहीं होती। ऐसे चापलूस अफसर की भला क्या इज्जत जनता की नजरों में हो सकती है? ऐसे अफसरों को विधायक तो क्या जनता भी चौराहे पर धमकाया करेगी।