वकील दुग्गल पर हमला : पुलिस की शह पर पलते हैं गुंडे

वकील दुग्गल पर हमला : पुलिस की शह पर पलते हैं गुंडे
February 19 18:02 2022

फरीदाबाद (म.मो.)। जुर्म और फरीदाबाद आपस में पर्याय बनते जा रहे हैं। इसका ताजातरीन उदहारण सेव फरीदाबाद संस्था से जुड़े समाजसेवी, वरिष्ठ अधिवक्ता व जेजेपी पार्टी के पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के सदस्य सत्येंदर दुग्गल पर हुए जानलेवा हमले में देखने को मिला। अधिवक्ता सत्येंदर दुग्गल भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त विंग कमांडर हैं और ग्रेफा नाम की संस्था के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। वह समय समय पर नहरपार की बदहाली से सम्बंधित मुद्दे उठाते रहते हैं। वह ग्रेटर फरीदाबाद की ओजोन पार्क सोसाइटी में रहते हैं तथा सोसाइटी की RWA के सक्रिय सदस्य भी हैं।

हाल में हुई घटना में मुख्य आरोपी ओजोन पार्क सोसाइटी में ही रहने वाले एसएस खटाना, नवीन चितकारा और दिनेश अग्रवाल बताये जा रहे हैं। इन्ही लोगों ने कुछ आठ महीने पहले भी सत्येंदर दुग्गल पर लाठी और बेस बॉल के बैट से जानलेवा हमला करवाया था जिसपर एफ आई आर नंबर 233/2021 सेंट्रल थाना फरीदाबाद में रजिस्टर्ड है जिसके बाबत यह मामला सोसाइटी में सिक्योरिटी एजेंसी की मनमानी और सत्तापक्ष द्वारा अपने चहेतों को हर तरह की ठेकेदारी दिलवाने से जुड़ा है। सत्येंदर दुग्गल को गंभीर हालत में फरीदाबाद के सेक्टर 16 स्थित क्यूआरजी अस्पताल में दाखिल कराया गया। डाक्टरी जांच में उनके जबड़े में फ्रैक्चर और आँख के पास किसी भारी चीज से हमले की पुष्टि हुई है। मीडिया से सीमित बातचीत में दुग्गल ने बताया कि इसी केस की कोर्ट में तारीख 15 फरवरी 2022 को लगी हुई है जिसमे दोषियों को सजा मिलना तय है। इसी डर से और उनकी आवाज दबाने के लिए उनपर यह जानलेवा हमला करवाया गया है जिससे कि न्याय के लिए उठने वाली उनकी आवाज को दबाया जा सके। अपने बयान में उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में विधायको द्वारा उनपर लगातार इस केस में फैसले का दबाव बनाया जा रहा है।

सेव फरीदाबाद के अध्यक्ष पारस भारद्वाज ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे शहर के लिए शर्मनाक बतया। उन्होंने कहा कि जो शहर सेवानिवृत्त फौजियों को सुरक्षा ही नहीं दे सकता, लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे सकता वहां से लोग जल्द ही पलायन शुरू कर देंगे। पारस का कहना है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे पुलिस, सत्ताधारी नेता और बिल्डर माफिया की मिलीभगत होती है। सेव फरीदाबाद के ग्रेटर फरीदाबाद के प्रभारी रमेश गुलिया ने कहा कि इस क्षेत्र में आये दिन ऐसे दर्जनों मामले आते रहते हैं जहाँ प्रबुद्ध वर्ग को निशाना बनाया जाता है और एक दहशत का माहौल बनाया जाता है। फरीदाबाद बार एसोसिएशन के ओपी शर्मा और सेक्रेटरी संदीप पाराशर भी अस्पताल में मौजूद रहे और उन्होंने कहा अधिवक्ताओं की सुरक्षा पर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और मामले में निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी।
सेव फरीदाबाद की इंद्रा कोठारी , दीपा सक्सेना , अरुण यादव , निर्मल कुलश्रेष्ठ , अभिषेक द्विवेदी , केतन सूरी , पूजा शर्मा, धर्मराज , विनोद , राजेश कुमार , गणेश शर्मा , उमेश कुमार व अन्य लोगों ने एकसुर में अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग रखी।

बिकाऊ पुलिस ने बनाया दुग्गल के विरुद्ध क्रॉस केस
समझने वाली बात यह है कि कानून भी हर आदमी के लिए अलग-अलग ढंग से काम करता है। वकील दुग्गल के ऊपर 6 महीने में यह दूसरा हमला है। यदि पहला हमला किसी जज अथवा प्रशासनिक अधिकारी या राजनेता पर हुआ होता तो हमलावरों को ऐसा सबक सिखाया जाता कि वो दोबारा से ऐसी हरकत करने की सोच भी न सकते। परन्तु आम आदमी के लिए कानून केवल कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रहता है। यहां न केवल सीमित है बल्कि नंगा होकर गुंडे हमलावर खटाना के हक में काम कर रहा है। जहां दुग्गल की शिकायत पर खटाना के विरूद्ध हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया, वहीं तुरत-फुरत खटाना की फर्जी शिकायत पर दुग्गल के विरुद्ध 1700 रुपये छीनने व मोबाईल फोन झपटने तथा तेज़ धारदार हथियार से हमला करने जैसा गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसके लिए खटाना ने डॉक्टर से एक फर्जी एमएलआर भी बनवा लिया जिसमें खटाना पर तेज धारदार हथियार से हमला दिखाया गया है।

यह फर्जी शिकायत इतनी हास्यास्पद है कि जब इसे नागरिकों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने पुलिस आयुक्त के सामने रखा तो उन्होंने भी तुरन्त यह माना कि यह एक फर्जी शिकायत पर दर्ज किया गया फर्जी मुकदमा है। इस पर कोई विशेष कार्रवाई करने की अपेक्षा पुलिस आयुक्त महोदय ने पहले एसीपी वर्मा से केस लेकर दूसरे एसीपी सतपाल यादव को दे दिया। इसके बावजूद मामला जहां का तहां खड़ा है।बताने की जरूरत नहीं कि कोई भी गुंडा इलाके में बेखौफ गुंडागर्दी तभी कर सकता है जब उसे पुलिस का संरक्षण प्राप्त होता है। इस मामले में भी यही स्पष्ट दिखायी दे रहा है।

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Mazdoor Morcha
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