उपचुनाव का झटका, मोदी को दे पटका, पेट्रोलियम हुआ सस्ता

उपचुनाव का झटका, मोदी को दे पटका, पेट्रोलियम हुआ सस्ता
November 08 12:40 2021

मजदूर मोर्चा ब्यूरो
वोट की मार खाने के बाद खिसियाने हुए प्रधानमंंत्री मोदी ने पेट्रोल व डीजल सस्ता करते हुए जनता को दीवाली तोहफा देने का नाटक किया। दरअसल ये तोहफा मोदी ने जनता को नहीं दिया बल्कि जनता ने उनके गिरेबान में हाथ डालकर छीन लिया है। चुनाव में इस हार के बाद मोदी ने पेट्रोल से 5 रुपए और डीजल से 10 रुपए एक्साइज शुल्क घटाया तो उस पर लगने वाला राज्यों का वैट भी अलग-अलग दरों से घट गया। इसका प्रभाव पेट्रोल कहीं 6 रुपए सस्ता तो कहीं 8 रुपए सस्ता हुआ, इसी तरह डीजल भी 12 से 17 रुपए तक सस्ता हो गया।

दीवाली से एक दिन पहले 29 उपचुनावों के नतीजे घोषित हुए थे। इनमें सबसे अधिक भाजपा को चुभने वाले नतीजे हिमाचल प्रदेश के रहे। जहां विधानसभा की 3 सीटे और लोकसभा की 1 सीट भाजपा के हाथों से निकलकर कांग्रेस को चली गयी। इतिफाक से यह तमाम सीटें हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के क्षेत्र से है। इसलिए इनकी सीधी जवाबदेही उन पर आ पड़ी। लेकिन मुख्यमंत्री ने भी पलट जवाब देने में देर न लगायी और स्पष्ट कह दिया कि इसका मुख्य कारण बढ़ती महंगाई है। यानी कि सीधे मोदी की आंखों में उंगली दे मारी। इसी के परिणामस्वरूप पेट्रोलियम पदार्थो में यह कटौतीे जनता को ”उपहार स्वरूप” मिल पायी। हिमाचल के अलावा बंगाल की चारों सीटें, राजस्थान की दोनों सीटे व हरियाणा की एक सीट पर भाजपा हारी।

इन परिणामों से जनता को बड़ा स्पष्ट संदेश मिला है कि यह भाजपायी वोट के डंडे से ही डरते हैं। यदि आने वाले यूपी चुनाव में जनता ने इनको पटकनी दे मारी तो पेट्रोल का रेट 40 रूपए होना तय माना जा रहा है। लेकिन यदि भूल से कहीं मोदी का 2024 मेें फिर से गद्दी सौंप दी तो यह ‘काले अंग्रेज साहब दिए हुए ‘उपहारों’ को ब्याज सहित वसूलने में कतई नहीं हिचकेंगे।

यानी, मोदी का लोकतंत्र को संदेश है कि बांह उमेठी है तो महंगाई कुछ कम की, अगली बार कस कर लात मारना।

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