फरीदाबाद (म.मो.) हर साल की तरह इस बार भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सिफारिश पर उपायुक्त विक्रम ने पटाखे चलाने पर 10 अक्टूबर से 31 जनवरी 2023 तक की पावंदी लगा दी है।
उल्लंघन करने वालों पर भारतीय दण्ड संहिता, 1884 के विस्फोटक अधिनियम तथा 2008 के विस्फोटक नियम के अनुसार कार्रवाई होगी। इसमें छूट के नाम पर ग्रीन पटाखे चलाये जा सकते हैं। बड़ा विचित्र आदेश है। धमाका सुनने के बाद पुलिसकर्मी पहले तो यह जांच करेगा कि चलाया गया पटाखा ग्रीन था अथवा रेड? यानी कि किसी भी उल्लंघन कर्ता को बच निकलने का रास्ता दे दिया गया है।
कई वर्षों से लगाये गये ऐसे प्रतिबंध के बावजूद ऐसी कोई दीवाली नहीं गई जिस पर पूरा शहर बारूद की गंध व धूएं से न भर गया हो। किसी भी जिला उपायुक्त की बात तो छोडिय़े, हिन्दुत्व के ठेकेदारों ने, कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट के चहुं ओर ऐसी अभूतपूर्व पटाखेबाजी की थी जैसे पहले कभी नहीं हुई थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पावंदी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट टुकुर-टुकुर देखने के सिवाय कुछ न कर सका।
पूर्व अनुभव के आधार पर कहा जा सकता है कि इस दीवाली पर भी वही सब होने वाला है जो अब तक होता आया है। हां, देखना यह है कि उपायुक्त विक्रम इस बार अपनी साख बचाने के लिये क्या नया करते हैं?