टोल के नाम पर बढ़ी जनता की सरकारी लूट

टोल के नाम पर बढ़ी जनता की सरकारी लूट
March 31 07:20 2024

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) पूंजीपतियों की गोद में बैठीं मोदी-सैनी की डबल इंजन सरकारें उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए जनता को हर तरह से लूटने में लगी हैं। नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही वाहनों पर पांच से दस प्रतिशत टोल की बढ़ोत्तरी कर कंपनियों को लूट कमाई की छूट दे दी गई। रही जनता तो वो बिना सुविधाओं वाले केएमपी, केजीपी पर बढ़ा हुआ टोल चुकाने को मजबूर होती रहेगी।

संघ शाखाओं में पले बढ़े प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय सडक़ मंत्री नितिन गडकरी पूर्व सरसंघ चालक गुरू गोलवलकर के बताए सिद्धांत, ‘जनता के पास धन नहीं रहना चाहिये’ का अनुसरण करते हुए वाहन मालिकों को निचोडऩे में लगे हुए हैं। हर साल टोल दरों में पांच से दस प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर दी जाती है। टोल के नाम पर जनता को निचोडऩे के लिए पहले तो साठ किलोमीटर से कम पर टोल प्लाजा न होने का मानक तोड़ा गया और फिर टोल दरें बढ़ा कर वाहन मालिकों को दोगुना लूटा जा रहा है।यानी पहले जहां दिल्ली से आगरा के बीच केवल दो टोल नाके होते थे अब इनकी संख्या बढ़ाकर तीन कर दी गई। पहले लोग बल्लभगढ़ से पलवल तक बिना टोल दिए जाते थे, सरकार ने गदपुरी में टोल प्लाजा बनाकर कंपनी को लोगों से टोल लूटने की खुली छूट दे दी। यही नहीं, गदपुरी से होडल टोल बूथ का फासला महज 42 किलोमीटर है जबकि गदपुरी से बदरपुर बॉर्डर टोल प्लाजा की दूरी मात्र 31 किलोमीटर ही है। इतनी कम दूरी के लिए भी अब टोल की दर पांच से दस रुपये बढ़ा दी गई।

पलवल से मथुरा-वृंदावन कोसी की ओर जाने वाले हल्के वाहन को महज 80 किलोमीटर दूरी में 180 रुपये टोल टैक्स भरना पड़ता है, नई दरें लागू होने से अब उन्हें 195 रुपये चुकाने पड़ेंगे। ये तो हल्के वाहनों का टैक्स है ट्रक-बस आदि अन्य बड़े व्यावसायिक वाहनों को तो पहले ही ज्यादा टोल चुकाना पड़ता था एक अप्रैल से पांच से दस फीसदी और वृद्धि हो जाएगी। टोल बढऩे से बस ऑपरेटर किराया बढ़ा कर तो ट्रक ऑपरेटर भाड़े की दर बढ़ाकर इसकी भरपाई करेंगे। यानी अंतत: इसका बोझ महंगाई के रूप में आम जनता पर पड़ेगा।
टोल की दरें तो सरकार हर साल बढ़ाती जा रही है लेकिन वाहनों को सुविधाएं नहीं दी जा रहीं। बल्लभगढ़ का पुराना रेलवे ओवरब्रिज आज तक छह लेन नहीं बनाया जा सका है, लेकिन टोल की वसूली सिक्स लेन की दर से की जाती है। गुडईयर कट पर अंडरपास या कलवर्ट बनाने के बजाय इसे बंद कर दिया गया, इधर से आने वाले वाहनों को दिल्ली की ओर जाने के लिए करीब तीन किलोमीटर पीछे बल्लभगढ़ जाना पड़ता है। हाईवे पर कई जगह अंडरपास बनाए जाने थे लेकिन अधिकतर आज तक नहीं बने।

पलवल शहर के बीचोंबीच से गुजर रहे एलिवेटेड हाईवे पर आज तक स्ट्रीट लाइटें नहीं लगाई गई हैं। जब हाईवे की यह स्थिति है तो समझा जा सकता है शहरों में सर्विस लेन की क्या हालत होगी। कहीं जलभराव तो कहीं आवारा पशुओं का झुंड तो कहीं सडक़ पर गड्ढे वाहन चालकों की परेशानी का सबब बने हुए हैं, इन समस्याओं को दूर कराने की तो एनएचएआई से लेकर प्रशासन तक किसी को सुध नहीं है लेकिन टोल टैक्स बढ़ाने और उसकी वसूली में सभी मुस्तैद हैं।

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Mazdoor Morcha
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