तोडफ़ोड़ के बावजूद सत्ता के इशारे पर चल रहा अवैध निर्माण

तोडफ़ोड़ के बावजूद सत्ता के इशारे पर चल रहा अवैध निर्माण
June 08 14:44 2024

राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन परिषद के प्रदेश अध्यक्ष आनंदकांत भाटिया ने निगमायुक्त पर सवाल उठाए

ऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) एनआईटी तीन डी ब्लॉक स्थत बंग्लो प्लॉट 57 पर अवैध रूप से बनाए जा रहे आवासीय- व्यावसायिक भवन में नगर निगम द्वारा तोडफ़ोड़ के बाद दोबारा निर्माण कार्य शुरू हो गया है। राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निर्मूलन परिषद के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा कार्यकर्ता आनंदकांत भाटिया ने दोबारा निर्माण शुरू होने पर नगर निगम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने निगमायुक्त को पत्र लिख कर इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और अवैध निर्माण तुरंत तोडफ़ोड़ की कार्रवाई कराने की मांग की है। बताते चलें कि राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निर्मूलन परिषद भारत सरकार द्वारा संचालित संस्था है और भाजपा से जुड़े होने के कारण ही आनंदकांत भाटिया को यह पद मिला है।

आनंदकांत भाटिया ने निगमायुक्त को लिखे गए पत्र में अवगत कराया है कि नगर निगम के तोडफ़ोड़ दस्ते ने आठ मई 2024 को ईएसआई चौक स्थित एनआईटी तीन डी बीपी 57 में यह कहते हुए कार्रवाई की थी कि यह अवैध निर्माण है जो सबडिविजन और नक्शा पास कराए बिना किया जा रहा था। नगर निगम के तोडफ़ोड़ दस्ते की कार्रवाई को अंजाम देने के दूसरे दिन ही ध्वस्त किए गए निर्माण के मलबे को बाहर निकलवा कर पुन: निर्माण चालू करवा दिया गया है। निर्माण स्थल को टिन की चादरों से ढक दिया गया है ताकि अंदर क्या हो रहा है इसकी जानकारी बाहर वालों को न हो पाए।

उनके अनुसार यदि दोबारा निर्माण हो रहा है तो यह वैध रूप से हो रहा होगा, यानी आठ से नौ मई के बीच नगर निगम ने उक्त प्लॉट का सब डिवीजन कर दिया होगा और नक्शा भी पारित किया होगा। यदि ऐसा नहीं है तो निसंदेह आज भी वहां अवैध निर्माण चल रहा है। निगमायुक्त को अवैध निर्माण ध्वस्त करने का आदेश जारी कर उसे लागू करवाना चाहिए। उन्होंने निगमायुक्त से निगम के उन कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की उम्मीद जताई है जो इस अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं। यह भी बताया कि उनकी जानकारी में आया है कि निर्माणकर्ता खुलेआम यह ऐलान कर रहा है कि उसने निर्माण के एवज में तोडफ़ोड़ अधिकारियों, उच्च अधिकारियों और सत्ता में बैठे नेताओं को अपने पक्ष में करने की कीमत चुकाई है। उन्होंने निगमायुक्त से उचित कार्रवाई करने की आशा की है।

सुधी पाठकों जान लें कि मज़दूर मोर्चा ने 19-25 मई के अंक में अवैध निर्माण टूटने से तिलमिलाई मंत्री सीमा त्रिखा, अधिकारी को धमकाया शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। दरअसल, यह निर्माण शिक्षामंत्री का फाइनेंसर कहा जाने वाले बाली नामक बिल्डर-भूमाफिया करवा रहा है। बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में हो रहे अधिकतर अवैध निर्माण के पीछे मंत्री सीमा त्रिखा और उसके लगुए भगुए ही हैं। बाली खुलेआम चिल्ला रहा है कि उसने नगर निगम के अधिकारियों को कीमत चुकाई है, उसने किसे पैसा दिया है यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन निगम में यह चर्चा जरूर है कि बडख़ल विधानसभा क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माणों की देखभाल और संरक्षण के लिए मंत्री सीमा त्रिखा और कृष्णपाल गूजर के प्रिय एसडीओ सुरेंद्र हुड्डा को ओल्ड से यहां बुलाया गया है। निगम सूत्रों के अनुसार ईएसआई चौक स्थित अवैध निर्माण की कार्रवाई का आदेश देने वाले अधिकारी यानी संयुक्त आयुक्त जीतेंद्र गर्ग का नाम सुरेंद्र ने ही बाली और मंत्री सीमा त्रिखा तक पहुंचाया था। इसके बाद ही मंत्री ने सीधे जीतेंद्र गर्ग को फोन कर बुरी तरह धमकाया था। संभवता यही कारण है कि दूसरे दिन ही काम शुरू होने पर मज़दूर मोर्चा ने संयुक्त आयुक्त जीतेंद्र गर्ग को इसकी जानकारी दी तो कार्रवाई के नाम पर वो कन्नी काट गए थे।

तोडफ़ोड़ की कार्रवाई के बावजूद ईएसआई चौक पर एक महीने से अवैध निर्माण चल रहा है लेकिन निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना उन पर सवाल खड़े कर रहा है। मोना ए श्रीनिवास संविधान और कानून के अनुसार प्रशासन चलाएंगी या मंत्री सीमा त्रिखा व सांसद कृष्णपाल गूजर की कठपुतली बनी रहेंगी। चलो माना कि सीमा त्रिखा ने बिल्डर से पैसे लिए तो क्या आपने भी पैसे लिए हैं जो कार्रवाई नहीं कर रही हैं? यदि आपने पैसे नहीं लिए हैं, पूरी तरह से ईमानदार हैं तो फिर अवैध निर्माण पर कार्रवाई क्यों नहीं करवा रही हैं। सीमा त्रिखा की गद्दी तो केवल पांच साल तक है आपकी नौकरी तो पक्की है, आईएएस जैसे प्रतिष्ठित पद पर होने के बावजूद आप क्यों भ्रष्टाचार का साथ दे रही हैं? अवैध निर्माण पर कार्रवाई कर खुद को उसूलों वाला अधिकारी साबित करें अन्यथा आपका नाम भी नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।

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Mazdoor Morcha
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