लघु सचिवालय पर
भाजपा के फर्जी किसानों का प्रदर्शन कराने पर हुई थू-थू
मजदूर मोर्चा ब्यूरो
फरीदाबाद: केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गूर्जर 25 दिसम्बर 2020 का दिन अपने राजनीतिक जीवन में नहीं भूल पाएंगे। फरीदाबाद और पलवल के किसानों ने एकजुट होकर उनकी इतनी बड़ी राजनीतिक फजीहत की है, जिसका अंदाजा उन्हें सपने में भी नहीं था।
क्या हुआ था मंत्री जी उस दिन
25 दिसम्बर 2020 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन था तो वाजपेयी को स्वतंत्रता सेनानी स्थापित करने के लिए भाजपा ने उस दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। लेकिन उसमें सबसे बड़ा आयोजन था किसान सम्मान निधि का आयोजन। इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को खुश करने के लिए उनके खाते में दो-दो हजार रुपये भेजे जाने का कार्यक्रम रखा गया था। सभी सांसदों और मंत्रियों को आदेश था कि वे किसी प्रमुख जगह किसानों की बड़े पैमाने पर मौजूदगी के बीच इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखें और किसानों को संबोधित करें। इन कार्यक्रमों में खासतौर पर तीनों कृषि कानूनों के फायदे बताए जाएं।
केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गूर्जर को ऐसे ही एक कार्यक्रम में पलवल में शामिल होना था। लेकिन जब पलवल में किसानों को मंत्री गूर्जर के आने की सूचना मिली तो उन्होंने खुला ऐलान कर दिया कि कृष्णपाल में दम है तो यहां आकर दिखाए। हम उसका तंबू उखाडक़र यहां से उसे भेजेंगे। यह सूचना केंद्रीय मंत्री के पास पहुंची और उन्होंने आनन-फानन में अपना पलवल का कार्यक्रम रद्द कर दिया। लेकिन मंत्री को चैन कहां था, उन्होंने इस कार्यक्रम को अपने फरीदाबाद स्थित आवास पर करने का फैसला लिया। फौरन तम्बू लगाया गया। बड़ा टीवी स्क्रीन मंगवाकर लाइव प्रसारण की व्यवस्था कराई गई। लेकिन सवाल यह उठा कि यह कार्यक्रम तो किसानों के बीच में होना था। तो उन्होंने चंद भाजपा कार्यकर्ताओं को किसान बनाकर अपने साथ बैठा लिया और लाइव प्रसारण देखने लगे। इस मौके पर उन्होंने चंद चाटुकार पत्रकारों को बुलाने और प्रेस विज्ञप्ति भी जारी करने की योजना बना ली। इस खबर के साथ लगे फोटो को गौर से देखें। मंत्री कृष्णपाल गूर्जर किसान बने चंद भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मोदी का लाइव प्रसारण देख रहे हैं।
ये चाल भी रही नाकाम
कृष्णपाल गूर्जर ने 25 दिसम्बर को एक और हरकत की। उन्होंने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को किसान बनाकर सेक्टर 12 स्थित लघु सचिवालय पर तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में प्रदर्शन करने भेजा। भाजपा के फर्जी किसान वहां पहुंचकर कृषि बिलों के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। लेकिन लघु सचिवालय के ठीक सामने धरना दे रहे किसान संघर्ष समिति के नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह फरेब पसंद नहीं आया। वे सीधे उन फर्जी किसानों के बीच पहुंचे और तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया और फर्जी किसान वापस जाओ के नारे बुलंद कर दिए। नारे बुलंद होते ही भाजपा के फर्जी किसान लघु सचिवालय से अपनी नकली पगड़ी संभालते भाग निकले।
फरीदाबाद की मीडिया को ऐसे किसी घटनाक्रम की जानकारी नहीं मिली। उन्होंने कृष्णपाल गूर्जर के बयान का सरकारी प्रेसनोट छापकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। लेकिन 25 दिसम्बर का बड़ा दिन केंद्रीय मंत्री पर बड़ा भारी पड़ा।