सुगत मुखर्जी सर्दियों की सुबह में घना कोहरा छाया हुआ था। हमारी कार धीरे धीरे घोड़ा गाडिय़ों को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल आयी थी। बिहार में अभी भी घोड़ा