शहनवाज़ आलम भारतीय संविधान पूरी दुनिया में शायद इकलौता ऐसा संविधान है जिसका सीधा टकराव अपने ही सामाजिक मूल्यों से रहा जैसे हमारा संविधान सभी को बराबर मानता है लेकिन