सत्यवीर सिंह 2008 के पूंजीवादी आर्थिक संकट के बाद, देश के कॉर्पोरेट का ‘श्रम सुधार’ लाने का दबाव चरम पर पहुँच गयाथा. कांग्रेस ने कोशिश की लेकिन हिम्मत नहीं जुटा