फरहत दुर्रानी क़ुरबानी न फर्ज़़ है और न वाजिब सिवाए हज के दौरान, हजरत इब्राहीम का ये टेस्ट सिर्फ इब्राहीम के लिए था ना कि लोगो के लिए। एनिमल सैक्रिफाइस