क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा, हरियाणा इस दमघोटू लूट-तंत्र से मुक्ति दिलाने की क़ूबत सिर्फ मज़दूरों में है सरमाएदारों की तानाशाही को छुपाने वाली, जनवाद की मखमली चादर, तार-तार हो चुकी है.
1. मज़दूरों के हत्यारे, ‘लाइफलॉन्ग इंडिया प्रा लि धारूहेड़ा, रेवाड़ी’ के मालिकों को, दफ़ा 302 में गिरफ्तार करो. 2. मृतक मज़दूरों को एक करोड़, घायलों को 50 लाख मुआवज़ा तथा
क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा, हरियाणा आजादी आंदोलन की क्रांतिकारी धारा; लुटेरे औपनिवेशिक अंग्रेज़ शासकों के साथ ही, उनके देसी पिट्ठुओ, सामंतों-जमींदारों से भी लड़ रही थी. यह शानदार तहरीक, अखबारों को
‘जिस दिन महिलाएं अपने श्रम का हिसाब मांगेंगी, उस दिन मानव इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी चोरी पकड़ी जाएगी’- रोज़ा लक्ज़म्बर्ग फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) कदम-दर-कदम अपनी मुक्ति की
फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) मज़दूरों का शोषण करने के लिए बदनाम आईएमटी सेक्टर 68 स्थित इंपीरियल ऑटो कंपनी के प्रबंधन ने कामगारों को दिए जा रहे घटिया भोजन की शिकायत करने
फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) केंंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को आयोजित औद्योगिक हड़ताल व ग्रामीण भारत बंद का असर औद्योगिक नगरी में नगण्य ही रहा।
फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) मज़दूर साथियों, जैसा पहले कई बार चर्चा हो चुकी है, मालिक और मज़दूरों के हित, एक-दूसरे के विरोधी होते हैं. मज़दूरों की मेहनत का एक बड़ा हिस्सा
नई दिल्ली (मज़दूर मोर्चा) ईएसआई कॉर्पोरेशन द्वारा मज़दूरों को दी जाने वाली चिकित्सा सेवाओं की दुर्दशा को लेकर इसके मुख्यालय पर भारी प्रदर्शन करने की आवश्यकता काफी समय से महसूस
क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा जल्दी ही सरकारी-दरबारी भोंपू बजने शुरू होने वाले हैं; ‘बेरोजग़ारी कम हो गई- बेरोजग़ारी कम हो गई’। असलियत क्या है? 140.8 करोड़ की जनसंख्या वाले हमारे देश
“क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा” आज़ादी आंदोलन की क्रांतिकारी धारा के जांबाज़ योद्धा अमर शहीद, ०अशफाकुल्लाह खां (22.10.1900-19.12.1928) को उनके 123 वें जन्म दिन पर, अदब-ओ-अहेतराम के साथ सलाम पेश करता है।