विमल भाई फरीदाबाद में 123 इलाके पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम 1990 (पीएलपीए) के अंतर्गत आते हैं। किंतु ऐसा क्या कारण है कि बार-बार सिर्फ और सिर्फ खोरी गांव के लोगों
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस खानविलकर बेंच बनी तमाशबीन फरीदाबाद (म.मो.) नगर निगम व जि़ला प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ दिनांक 19 जनवरी को पहले से ही उजड़े हुए
फरीदाबाद (म.मो.) सुप्रीम कोर्ट के एक इशारे पर खोरी गांव के बीसियों हज़ार गरीब मज़दूरों को उजाडऩे में खट्टर सरकार को कानून व्यवस्था की कतई कोई दिक्कत नहीं आई क्योंकि
फरीदाबाद (म.मो.) खोरी मामले को लेकर 20 सितम्बर को फरीदाबाद नगर निगम सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ। इनके वाहियात जवाब व अक्रमण्यता को देख कर सर्वोच्च अदालत ने जम कर
फरीदाबाद (म.मो.) दिनांक 21 सितम्बर को खोरी गांव से उजाड़े गए सैंकड़ों गरीब मज़दूरों ने बीके चौक स्थित नगर निगम कार्यालय पर घंटों तक धरना देकर प्रदर्शन किया। प्रर्दशनकारी महिलाओं
फरीदाबाद (म.मो.) खोरी की जिस बस्ती को अवैध बता कर तोड़ा गया है वह दरअसल उन गरीब मज़दूरों की थी जिन्हें कभी यहां खदानों व क्रैशरों में काम करने के