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Tag "kanhaiya lal"

सभ्य समाज में ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारों का कोई स्थान नहीं हो सकता

गिरीश मालवीय अब साफ़ और सीधा प्रश्न है कि कितने मुस्लिम मित्र इस नारे को गलत कहने की हिम्मत दिखा पाएंगे? क्योंकि यही नारा उदयपुर की घटना का केन्द्रीय तत्व

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