श्रवण गर्ग ज़ाकिया जाफऱी अब आगे क्या करने वाली हैं? वे और कितना पैदल चल पाएँगी? इंसाफ़ के लिए लड़ते रहने के लिए तिरासी साल की उम्र कोई कम नहीं