हरिशंकर परसाई मेरे एक मित्र को पीलिया हो गया था। वे अस्पताल में भर्ती थे। प्रभावशाली आदमी थे। सब डॉक्टर लगे थे। एक दिन मैं देखने गया तो पाया कि