फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) करीब 15 वर्ष पूर्व ग्रेटर फरीदाबाद के नाम से नहरपार एकदम नया शहर बसाने की योजना बनी थी। इसमें 72 सेक्टर बनाये गये थे। रिहायशी के अलावा
फरीदाबाद (म.मो.) शुक्रवार दिनांक 7 अक्टूबर को शुरू हुई बरसात में, खट्टर सरकार द्वारा शहरवासियों पर लादी गई, नगर निगम, ‘हूडा’, स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड व एफएमडीए जैसी एजेंसियां पूरी
फरीदाबाद (म.मो.) निकम्मे प्रशासन के पास काम न करने के लिये बहानों की कोई कमी नहीं है। ये लोग धरातल पर काम करने की बजाय काम को टरकाने के नये-नये
फरीदाबाद (म.मो.) लगता है मनोहर सरकार को पढ़े-लिखे आर्किटेक्ट एवं इंजीनियरों से नफरत है। इसलिये स्थानीय नगर निगम में अनपढ़ लोगों को भर रखा है। इसी श्रंखला में बीते शुक्रवार
फरीदाबाद (म.मो.) भारतीय जुमला पार्टी द्वारा 2014 में सत्तारूढ़ होने के बाद, देश की जनता को बरगलाने के लिये जुमलों की जो बरसात की थी, उनमें से एक जुमला स्मार्ट
फरीदाबाद (म.मो.) नगर निगम द्वारा हजारों करोड़ का बजट डकारना प्रार्याप्त नहीं लगा तो सरकार ने इस शहर में स्मार्ट सिटी के नाम पर अलग से हजारों करोड़ रुपया झोंक
फरीदाबाद (म.मो.) शहर को स्मार्ट बनाने के लिये सरकार ने, पहले से ही मौजूद ‘हूडा’, नगर निगम व पीडब्लूडी (पब्लिक वर्कर्स डिपार्टमेंट)आदि पर भरोसा नहीं किया। शायद कि सरकार ने
फरीदाबाद (म.मो.) बीते करीब पांच साल से शहर के कुछ हिस्सों को ‘स्मार्ट सिटी’ बनाने के नाम पर करीब दो हजार करोड़ रुपये डकारे जा चुके हैं| लेकिन शहरी जनता