खट्टर ने खुद माना कि बीते छह-सात साल में नगर निगम फरीदाबाद लूट भी रहा है और इसकी लुटाई भी हो रही है फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) नगर निगम में खुली
फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) सफाईकर्मी होने के बावजूद निगम आयुक्तों का अघोषित पीए बन कर जेई, ठेकेदारों से वसूली करने वाले प्रेमचंद को नई निगमायुक्त ने अपने कार्यालय से तो हटा
जैविक अपशिष्ट को खाद में बदलने के नाम पर दो सौ पार्कों में कूड़ा इकट्ठा करने का खेल कर रहे निगम अधिकारी फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) कूड़ा निस्तारण में असफल साबित
फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) अवैध विज्ञापन माफिया से गठजोड़ कर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये हजम कर रहे निगम के भ्रष्ट अधिकारी खुद को जन सूचना अधिकार कानून से भी ऊपर समझते हैं।
फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) नगर निगम अधिकारियों द्वारा मीडिया में प्रकाशित कराये गये बयान के मुताबिक किसी भी समय शहर की सडक़ों पर 5000 से अधिक लावारिस गाय व सांड आदि
अनाधिकृत कर्मचारियों से भरवाई जा रही मेजरमेंट बुक, हेराफेरी के लिए नहीं होते जिम्मेदार फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) पहले दो सौ करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता, अब एनआईटी के वार्ड छह
फरीदाबाद (म.मो.) नगर निगम, एफएमडीए, स्मार्ट सिटी कंपनी, ‘हूडा’ जैसी चार संस्थाओं को नागरिकों की ‘सेवा’ में खट्टर सरकार ने लगा रखा है। इनके अलावा कुछ काम पीडब्लूडी तथा एचएसआईआईडीसी
फरीदाबाद (म.मो.) शुक्रवार दिनांक 7 अक्टूबर को शुरू हुई बरसात में, खट्टर सरकार द्वारा शहरवासियों पर लादी गई, नगर निगम, ‘हूडा’, स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड व एफएमडीए जैसी एजेंसियां पूरी
फरीदाबाद (म.मो.) पिछले कुछ माह से नगर निगम में हुए 200 करोड़ के एक घोटाले की चर्चा काफी जोरों से चल रही है। कहा जा रहा है कि 200 करोड़
फरीदाबाद (म.मो.) बहुत दिन नहीं हुए जब जनवरी माह में निगमायुक्त यशपाल यादव सडक़ों पर उछल-कूद मचाते हुए एक फ़िल्मी हीरो की तरह शहर में सफाई अभियान चलाते घूम रहे