फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) ईएसआई कॉ रपोरेशन मुख्यालय द्वारा सहयोग करना तो दूर तमाम तरह की बाधाएं खड़ी करने के बावजूद यहां के विशेषज्ञ डॉक्टरों के कदम आगे बढऩे से रुक
फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल प्रबंधन बीते करीब दो साल से (पोजिट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी) पैट स्कैन सुविधा शुरू करने के प्रयास कर रहा है लेकिन मुख्यालय में बैठे निकम्मे,
फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) एक के बाद एक सफलता की सीढिय़ां चढ़ते हुए, एनएच तीन स्थित ईएसआई मेडिकल कॉलेज- अस्पताल शीघ्र ही किडनी प्रत्यारोपण जैसा महत्वपूर्ण काम करने को तैयार हो
510 बेड के अस्पताल में 950 मरीज भर्ती करने पड़े हैं फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) औद्योगिक मज़दूरों के वेतन से चार प्रतिशत (जो साल भर पहले तक 6.5 प्रतिशत होता था)
ईएसआई कारपोरेशन मुख्यालय में बैठे जीडीएमओ गिरोह की मूल धारणा यही रही है कि वसूली तो मजदूरों से जितनी हो सके करो लेकिन उसके बदले जब उन्हें कुछ देने की
मज़दूर मोर्चा ब्यूरो देश के नागरिकों को निशुल्क अथवा सस्ती चिकित्सा सेवा प्रदान करना टैक्स वसूलने वाली सरकार का दायित्व है। इसके बावजूद औद्योगिक मज़दूरों को विशेष चिकित्सा सेवा उपलब्ध
मेरा नाम छोटेलाल है। मज़दूर आदमी हूं। अचानक से मेरी बीबी को, रविवार, 16.04.23 को, पेट में दर्द हुआ। प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाने के लिए, मेरे पास इतने पैसे
मज़दूर मोर्चा ब्यूरो भारत के केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव खुद कह चुके हैं कि ईएसआई कॉर्पोरेशन दुनियां की बेहतरीन चिकित्सा स्कीम है; इसके बावजूद भारत में स्कीम का
बहुत कम लोगों को ज्ञान होगा कि 24 फरवरी 2009 तक इस मेडिकल कॉलेज के बनने की कोई सम्भावना नहीं थी। ईएसआई कार्पोरेशन ने स्पष्ट कह दिया था कि 15
मेडिकल कॉलेज में प्रति वर्ष 100 सीटों के हिसाब से 500 सीट का हॉस्टल होना जरूरी था जबकि बनाया गया मात्र 376 सीट वाला। दो साल पहले मेडिकल कॉलेज की