डॉ अबरार मुल्तानी हमारे जोक्स ने, वेब सीरीज ने, एडवर्टाइज़मेंट ने, फिल्मों ने और लुगदी साहित्य ने इन्हें आम जनमानस में सेक्स सिंबल की तरह इम्प्लांट कर दिया है। जब