फरीदाबाद (म.मो.) जर्जर सडक़ें, उफनते सीवर, गंदगी से बजबजाती गलियां, पीने को पानी नहीं, किसी भी काम के लिये निगम के पास पैसा नहीं, हर वक्त रोना कंगाली का। सोचने