यदि कोई तथाकथित ऊंची जाति वाला किसी तथाकथित छोटी जाति वाले के यहां धोखे से कुछ खा पी लेता है तो वह यह नहीं कहता कि मेरी जाति भ्रष्ट हो
सत्येंद्र पीएस एकाध भगवान बचे हुए थे जिनका हिंसक चेहरा भारतीय समाज में नहीं था। भगवान राम और हनुमान को भैंसे की बलि नहीं चढ़ती, बकरे का खून भी नहीं
गांव में आज भी मुसलमानों की शादियों में हिंदुओं के लिए एक पंडाल अलग से लगता है जिसमें हिंदू हलवाई अलग से खाना बनाता है और हिंदू पड़ोसी उसमें खाते