रंगनायकम्मा ‘नीची’ जातियों के पास उत्पादन के साधन नहीं हैं। सिफऱ् ‘ऊंची’ जातियों के पास ही वे मौजूद हैं। उनमें से भी, बहुत ही थोड़े से लोगों के पास ही,
रमेश भंगी 70 के दशक की बात है, मैं रोज सुबह उठकर सुअर चराने जाता था। मां मैला ढ़ोने और साफ-सफाई का काम करती थी। पापा 9वीं पास थे, इसलिए