(24 अप्रैल को हुए एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यक्रम में दो मुखर वक्तव्य प्रकाशित होने से रह गये थे। जिन्हें अब प्रकाशित किया जा रहा है।) जहां पुलिस पीडि़त को मुज़रिम