शहीद-ए-आज़म भगतसिंह की 117 वीं जयंती 28 सितम्बर के अवसर पर, उन्हें क्रांतिकारी अभिनन्दन, लाल सलाम प्रस्तुत करते हुए, उनका ये लेख प्रस्तुत है। ये विचार आज उससे कहीं मौजूं
करनाल (मजदूर मोर्चा) शहीद-ए आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने जिन उदेश्यों के लिए बलिदान दिया था उन उदेश्यों से मौजूदा भाजपा सरकार पूरी तरह से भटक चुकी है।
23 मार्च शहीद दिवस पर विशेष सत्यवीर सिंह व्यक्ति संवेदनशील हो, मेहनतक़श अवाम का दर्द उसे टीसता हो, अन्याय के विरुद्ध लडऩे में कोई समझौता न करता हो और पूर्वाग्रह
सत्यवीर सिंह सोमवार, दिनांक 8 अप्रैल, 1929 को 12 बजकर 30 मिनट पर, दिल्ली की केन्द्रीय विधान सभा (Central Legislative Assembly) के स्पीकर, वि_ल भाई पटेल, जैसे ही ‘ट्रेड यूनियन
सत्यवीर सिंह 82 साल पहले, 27 फरवरी के दिन, क्रांतिवीर चंद्रशेखर आज़ाद शहीद हुए थे. कायर औपनिवेशिक लुटेरों ने उनके मृत शरीर को उनके परिवार अथवा उनके क्रांतिकारी कॉमरेडों को
फरीदाबाद (म.मो.) भाजपाई खट्टर सरकार के टूकड़ों पर पलने वाले, एनएच पांच निवासी यादवेन्द्र सिंह अपने आप को शहीदे आजम भगत सिंह का पौत्र बता कर ‘मेरा परिवार शहीद भगत
शम्सुल इस्लाम नीचे जो अंश दिया गया है वह लेनिन की महान रचना ‘द स्टेट एंड रेवोल्यूशन: द मार्कि्सस्ट थ्योरी ऑफ़ द स्टेट एंड द टास्क ऑफ़ द प्रोलितेरियत इन
करनाल(के सी आर्य) करनाल पहुंचे आतंकवाद विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनिंदर सिंह बिट्टा ने पंजाब के सांसद सिमरनजीत सिंह मान द्वारा भगत सिंह को आतंकवादी बताए जाने वाले बयान
रामधारी खटकड़ भगतसिंह न्यूं बोल्या जज तै, फांसी तै ना डरते रै देश की खातर जान देणियें, मरकै भी ना मरते रै…(टेक) खून-खराबा काम नहीं म्हारा, दूर जुलम को करणा
सत्यवीर सिंह सभी पाठकों को विदित ही है, कि फरीदाबाद के थाना एनआईटी पांच नम्बर के पास वाले विख्यात ‘शहीद भगतसिंह चौक’ का जीर्णोद्धार हुआ और इस बहाने उसका नाम