फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) भ्रष्टाचार का अड्डा नगर निगम के खाऊ-कमाऊ निकम्मे अधिकारी लूट कमाई के नए नए तरीके गढऩे में माहिर हैं। अब वायु प्रदूषण के कारण पता लगाने के
फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा)। जिला उपायुक्त विक्रम सिंह प्रदूषण घटाने के लिए रोजाना नई-नई घोषणाएं कर रहे हैं और शहर की आबोहवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है। बुधवार को शहर
फरीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) यूं तो धूल और धुंए से वायू-प्रदूषण हर समय ही बना रहता है, परन्तु अक्टूबर का महीना शुरू होते ही यह प्रदूषण भयंकर रूप लेने लगता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किया नोटिस फरीदाबाद (म.मो.) हाल-फिलहाल में हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बादशाहपुर स्थित एसटीपी (सीवेज शोधन प्लांट) द्वारा शोधित जल के जो नमूने लिये थे
फरीदाबाद (म.मो.) अक्टूबर-नवम्बर माह, जो मौसम परिवर्तन का समय होता है तो यकायक प्रदूषण में बढोतरी नजर आने लगती है। यही समय होता है धान कटाई का भी। धान के
करनाल (म.मो.) प्रदूषण को लेकर अब तक पराली जलाने के नाम पर किसानों के पीछे पड़ी थी सरकार। प्रदूषण का सारा दोष पराली के धुंए से बताया जा रहा था।
मज़दूर मोर्चा ब्यूरो मुनाफाखोरी पर अधारित इस व्यवस्था में मानवीय मूल्यों की कोई जगह नहीं है, जो कुछ है बस केवल मुनाफा है। कोई मरता है तो मरे बस मुनाफा
फरीदाबाद (म.मो.) अक्टूबर माह में बढते प्रदूषण के लिये सारा दोष किसानों पर पराली जलाने के लिये मढ़ा जा रहा था। बड़े पैमाने पर किसानों को प्रताडि़त किया गया, उन
फरीदाबाद (म.मो.) हरियाणवी कहावत है, ‘‘भैंस काले कंबल को देख कर बिदकती है पर अपने आपको नही देखती।’’ वही काम केन्द्रीय पर्यावरण एवं श्रम मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव कर रहे
फरीदाबाद (म.मो.) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पुराने आदेशों का हवाला देते हुए हरियाणा सरकार ने पहली अक्टूबर से अपनी अनेक बसों का परिचालन बंद कर दिया है। जो बसें