स्थायी अतिक्रमण,अवैध निर्माण पर कब चलेगी सरकारी जेसीबी

स्थायी अतिक्रमण,अवैध निर्माण पर कब चलेगी सरकारी जेसीबी
October 15 14:14 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) लूट कमाई और भ्रष्टाचार में माहिर नगर निगम के तोडफ़ोड़ विभाग को रेहडिय़ों पर फेरी लगाकर सामान बेचने वाले, पटरियों पर चादर बिछा दिन भर में सौ दो सौ रुपये कमा कर परिवार का पेट पालने वाले गरीब ही अतिक्रमणकारी नजर आते हैं। मंगलवार और बुधवार को निगम की टीम ने बीके चौक, दशहरा मैदान और बीके चौक से मेट्रो मोड़ तक सडक़ पर खड़ी रेहडिय़ों और उन पर रखे सामान को तहस नहस कर डाला।

नगर निगम की टीम जिस बीके-मैट्रो सडक़ पर गरीबों की रेहड़ी तोड़ रही थी ठीक उसके दूसरी ओर कई करोड़पति शोरूम वालों का अतिक्रमण उसे नजर नहीं आया। मैट्रो मोड़ से एनआईटी एक दो के चौक तक बंग्लो प्लॉट में चल रही बड़ी बड़ी दुकानें और उनके द्वारा सडक़ तक किए गए अतिक्रमण पर उनकी जेसीबी नहीं चलती। एनआईटी एक-दो चौक से दो नंबर गुरुद्वारे वाली सडक़ पर दोनों ओर दोपहिया शोरूम वालों ने सडक़ को ही बाइकों का शोरूम और गोदाम बना रखा है लेकिन नगर निगम की जेसीबी कभी इधर नहीं चलती। चले भी कैसे दुकानदारों से मंथली जो बंधी हुई है। गरीबों पर तो बिना नोटिस और सूचना दिए सीधे तोडफ़ोड़ शुरू कर दी गई, उन्हें अपना सामान फल आदि हटाने तक का मौका नहीं दिया गया।

इसके विपरीत बड़े और रसूखदार अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चलाया ही नहीं जाता, तोडफ़ोड़ दस्ते के अधिकारी मोटी वसूली कर चुपचाप बैठे रहते हैं। गरीबों की रेहड़ी तोडक़र अपनी कार्रवाई का कोटा भी पूरा दिखा दिया जाता है। यदि बड़े अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश ऊपर से आता है तो सीधे कार्रवाई करने के बजाय उन्हें नोटिस भेजा  जाता  है, उन्हें समय दिया जाता है कि वह विधायक, मंत्री से मिलकर अभियान रुकवाने का आदेश जारी करा लें। वोट बैक की लालच में राजनेता ही अभियान रुकवा देते हैं, यदि नहीं रुकवाते हैं तो निगम अधिकारी भी फोर्स नहीं मिलने, तोड़ फोड़ दस्ते की मशीन खराब होने, स्टाफ न होने के बहाने बना कर अभियान चलने नहीं देते। सडक़ किनारे रेहड़ी लगाने वाले, पटरियों पर छोटी सी दुकान लगाने वाले ये गरीब न तो भ्रष्ट निगम अधिकारियों को मोटा सुविधा शुल्क दे पाते हैं और न ही राजनेताओं तक इनकी पहुंच है, यही कारण है कि हमेशा इनके गले में ही अतिक्रमणकारी होने का हार पहना कर इन्हें बलि पर चढ़ाया जाता है।

निगम दस्ते ने बुधवार को दशहरा मैदान के बाहर चादर, पॉलिथीन, तिरपाल तान कर रहने वाले ख़ानाबदोश गरीबों के घर भी उखाड़ फेके। डबल इंजन की मोदी-खट्टर सरकार गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास जैसी न जाने कितनी आवासीय योजनाओं का ढिंढोरा पीटती हैं, अगर इन गरीबों को घर मिल गया होता तो ये सडक़ किनारे चादर तान कर क्यों रहते? नगर निगम के एसडीओ सुमेर सिहं को इन गरीबों की झुग्गी-झोपड़ी तो दिख गई लेकिन इसी दशहरा मैदान से चंद कदम आगे फ्रंटियर कॉलोनी में गुरुद्वारे के ठीक बगल में स्थायी अवैध निर्माण और उसमें किया जा रहा अतिक्रमण नजर नहीं आया। इस रास्ते से नगर निगम के कई आला अधिकारी सुबह शाम गुजरते हैं लेकिन उन्हें भी कुछ नजर नहीं आता, उनकी आंखों पर काली कमाई का चश्मा जो चढ़ा होता है। इसी फ्रंटिययर कॉलोनी में कई अवैध भवन निर्माणाधीन अवस्था में ही सील कर दिए गए थे लेकिन नगर निगम के खाऊ कमाऊ अधिकारियों और उनके दलालों के सहयोग से सील तोडक़र उन्हें बनने दिया गया, कागजों में आज भी सील इन भवनों में व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। इसी तरह एनआईटी 3 जे 1 के मालिकों पर एसजीएम नगर में अवैध निर्माण का मुकदमा दर्ज होने के बावजूद यह न सिर्फ बनकर तैयार हुआ बल्कि इसमें गेस्ट हाउस और दुकानें भी चल रही हैं।

तोडफ़ोड़ दस्ता नगर निगम अधिकारियों का कमाऊ पूत है, इसमें वही अधिकारी रखे जाते हैं जो खुद कमाई करें और ऊपर तक पहुंचाएं और नेताओं की जी हुजूरी कर उनकी मंशा से चुन-चुन कर तोडफ़ोड़ करें। एसडीओ सुमेर सिंह, जेई प्रवीण बैंसला, अमर पाल बेलदार इन कामों में माहिर हैं, इनके आगे मुख्यमंत्री उडऩदस्ते की रिपोर्ट भी फेल हो जाती है। मुख्यमंत्री उडऩदस्ते ने एनआईटी दो और तीन में कई अवैध निर्माण की रिपोर्ट नगर निगम को भेजी लेकिन सुमेर सिंह और उनकी टीम ने कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि यह अवैध निर्माण और अतिक्रमण उनके ही संरक्षण में कराया गया था।

नेताओं, अधिकारियों, भू माफिया के प्रिय होने के कारण ही ये लोग लंबे समय से तोडफ़ोड़ विभाग में टिके हुए हैं।
यदि निगमायुक्त मोना ए श्रीनिवास सच में शहर को अतिक्रमण और अवैध निर्माण मुक्त करने की सही नीयत रखती हैं तो सबसे पहले तोडफ़ोड़ दस्ते को ही बदल कर ढंग के लोग लगाएं। शहर में अवैध-निर्माण और अतिक्रमण की नगर निगम की ही नहीं खुफिया विभाग और सीएम फ्लाइंग की रिपोर्ट भी हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर अवैध निर्माणों पर जेसीबी चलवाएं, जो उनके लिए आसान नहीं होगा। अब यह उन पर निर्भर है कि वह ईमानदारी से काम करेंगी या फिर भ्रष्ट मातहतों की कठपुतली बनकर लूट कमाई के नेटवर्क में शामिल होंगी।

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Mazdoor Morcha
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