फरीदाबाद (म.मो.) गत माह मुख्यमंत्री खट्टर द्वारा थोक के भाव किये गये उद्घाटनों में से एक सूरजकुंड रोड का भी था। इसी रोड का उद्घाटन 16 जनवरी को स्थानीय विधायक सीमा त्रिखा ने भी कर डाला। अपनी झेंप उतारने के लिये उन्होंने नारियल फोडऩे का काम किसी नागरिक से कराने के बाद लड्डू भी बांटे। अनखीर गोल चक्कर से लेकर सूरजकुंड गोल चक्कर तक साढ़े आठ किलो मीटर लम्बी सडक़ को बनाने के नाम पर 21.38 करोड़ रुपये डकारने की योजना है। गजब की बात तो यह है कि यह ‘प्रोजेक्ट’ 9 माह में पूरा होगा।
इससे भी बड़े गजब की बात तो यह है कि इस सडक़ का निर्माण मात्र नौ साल पूर्व हुआ था। सूरजकुंड मेले से पहले इस सडक़ की स्पेशल रिपयेर पर हर वर्ष करोड़ों रूपए खर्च किये जाते है। साथ में 10-15 करोड़ का जो पत्थर ठेकेदार ने बेच खाया वो अलग से और सडक़ के दोनों तरफ बरसाती पानी की जो नालियां बननी थी वो आज तक अधर में लटकी हुई है। एक और मजेदार बात तो यह भी है कि जिस जेपी कम्पनी ने इसे 9 वर्ष पूर्व बनाया था वही कम्पनी अब फिर इसे दोबारा से बनाने जा रही है। समझने वाली बात तो यह है कि यह सारी सडक़ किसी कच्ची, रेतीली अथवा दलदली ज़मीन पर न होकर मजबूत पहाड़ी धरातल पर बनाई गई है। इसलिये इस सडक़ पर फिर से कोई नया आधार बनाने की आवश्यकता नहीं है, केवल कारपेटिंग की ही आवश्यकता होती है। परन्तु यह सब तो तब होता है जब सडक़ बनवाने वालों की नीयत साफ हो। जब सडक़ बनाने का उद्देश्य ही लूट कमाई करने का हो तो इसी तरह के धंधे होते हैं। कोई पूछने वाला नहीं है कि मात्र साढ़े आठ किलो मीटर की चार लेन सडक़ बनाने पर नौ महीने का समय व इतनी लागत? चलो यह तो शुक्र है कि मात्र 21.38 करोड़ का ही खर्चा घोषित किया गया है, यदि इसकी जगह 40 करोड़ भी बता दें तो कौन पूछने वाला है।