दुष्यंत चौटाला से भी ऊपर हैं फरीदाबाद में पेंशन बांटने वाले कर्मचारी

दुष्यंत चौटाला से भी ऊपर हैं फरीदाबाद में पेंशन बांटने वाले कर्मचारी
March 13 15:20 2021

डिप्टी सीएम की घोषणा के बावजूद आधार, वोटर कार्ड में दर्ज जन्मतिथि मानने को तैयार नहीं

मजदूर मोर्चा ब्यूरो

बल्लभगढ़ः हरियाणा के बुजुर्ग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के बुजुर्गों की परेशानी कम करने की बजाय बढ़ा दी है। राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंच चौटाला ने करीब चार माह पहले समाज कल्याणा विभाग की पेंशन समेत सभी योजनाओं के लिए बुजुर्गों की जन्मतिथि के लिए आधार में दर्ज जन्मतिथि को ही मान्यता देने की घोषणा की थी। लेकिन फरीदाबाद सेक्टर 15 ए में सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के जिला कार्यालय में दो कर्मचारियों आशीष प्रजापति और अनिल ने बुजुर्गों की जिन्दगी दूभर बना दी है। जो भी बुजुर्ग इनके पास अपने फॉर्म वगैरह या किसी काम से जाता है तो उसे ये दोनों ऐसे दुत्कारते हैं जैसे किसी राज के महाराजा ऐसी घिनौनी हरकत करते हों। दुष्यंत चौटाला की घोषणा इस दफ्तर में हवा हवाई साबित हो रही हैं। इन दोनों कर्मचारियों समेत दफ्तर का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आधार में दर्ज जन्मतिथि को मानने को तैयार नहीं।
सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग प्रदेशभर में समाज कल्याण की योजनाएं बनाता है और उन्हें जनहित में लागू करता है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इसकी सेवाओं का लाभ उठाते हैं। प्रदेश के हर जिले में इसका कार्यालय चर्चा में रहता है। इस दफ्तर में वरिष्ठ नागरिकों, अल्पसंख्यक समुदाय जैसे – मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी आदि और मंद बुद्धि बच्चे, अंधे, बहरे, गूंगे और कश्मीर के प्रवासी, विकलांग और विधवा महिलओं को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है। जाहिर है इस विभाग में जरूरतमंद और असहाय लोग ही सरकार द्वारा समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ लेने के लिए आते हैं। लेकिन विभाग के इस जिला कार्यालय में करीब तीन महीने पहले आए आशीष प्रजापति और अनिल का व्यवहार बुजुर्गों को लेकर बड़ा ही रुखा और संवेदनाहीन है। दोनों ही बाबू बात-बात पर तूतड़ाक की भाषा सरेआम इस्तेमाल करते हैं। इन दो बाबुओं की वजह से यह विभाग चर्चा में बना हुआ है।
पेंशन के लिए बुजुर्ग बेचारे लाइन में कई घंटे लगने के बाद बाबुओं की डांट खाने के लिए मजबूर हैं। आधार कार्ड, वोट कार्ड में दर्ज जन्मतिथि कोई मायने नहीं रखती। डॉक्टर की मोहर के बिना पेंशन अधिकारी किसी भी बुजुर्ग की पेंशन जारी नहीं करता। जिस मशीन से उम्र की जांच की जाती है वह मशीन इनके पास है ही नहीं। यह बुजुर्गों के साथ मजाक नहीं तो क्या है? बुजुर्गों के साथ इतना अन्याय किसी भी सरकार में देखने को नहीं मिला।

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Mazdoor Morcha
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