ऐसे तो हाशिए पर चला जाएगा सूचना का अधिकार कानून राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाया गया जुर्माना ही नहीं भर रहे अधिकारी

ऐसे तो हाशिए पर चला जाएगा सूचना का अधिकार कानून राज्य सूचना आयोग द्वारा लगाया गया जुर्माना ही नहीं भर रहे अधिकारी
August 15 14:35 2023

फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) केंद्र सरकार तो सूचना का अधिकार कानून को कुंद करने के लगातार प्रयास कर ही रही है अधिकारी भी इसे अब गंभीरता से नहीं लेते। राज्य सूचना आयोग से जुर्माना लगाए जाने के बावजूद ये भ्रष्ट अधिकारी न तो आवेदनकर्ता को सूचना उपलब्ध कराते हैं और न ही जुर्माने की रकम भरते हैं। बीते दो वर्ष में राज्य सूचना आयोग ने प्रदेश के 33 विभागों के सूचना नहीं देने वाले अधिकारियों पर 2,65,87,290 रुपये जुर्माना लगाया लेकिन आज तक इसे वसूल नहीं किया जा सका है। अब मुख्य सचिव ने सभी विभाग, बोर्ड, निगम आदि संस्थानों के आला अधिकारियों को संबंधित सूचना अधिकारियों से जुर्माने की रक़म वसूलने के लिए पत्र लिखा है।

राज्य सरकार सूचना का अधिकार क़ानून के प्रति कितनी गंभीर है इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि संबंधित अधिकारियों से जुर्माना वसूलने के लिए बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी की इकलौती बैठक 30 सितंबर 2021 को हुई थी। बैठक तो हो गई लेकिन जुर्माने की रक़म वसूलने की कोई कार्रवाई नहीं की गई। मॉनिटरिंग कमेटी की सुस्ती से मनबढ़ हुए अधिकारी जवाब ही नहीं देते। राज्य सूचना आयोग जुर्माना लगाता हो तो अधिकारी यह रक़म जमा ही नहीं करते।

सबसे अधिक मोटी खाल वाले सूचना अधिकारी विकास एवं पंचायत विभाग के निकले। इन पर सूचना आयोग ने 1.108 करोड़ का जुर्माना लगाया लेकिन वसूली नहीं की जा सकी। शहरी स्थानीय निकाय के निकम्मे अधिकारियों पर 65.55 लाख रुपये, शिक्षा विभाग पर 22.68 लाख रुपये, हूडा के सूचना अधिकारियों पर 12.58 लाख रुपये, अर्बन स्टेट विभाग पर 13.33 लाख, राजस्व विभाग पर 13.21 लाख रुपये का जुर्माना बीते दो साल में लगाया गया है। लगभग सभी विभागों के अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया लेकिन वसूली नहीं हुई। शायद यही कारण है कि अब राज्य सूचना आयोग के सदस्य जुर्माना लगाने के बजाय लापरवाह अधिकारी को केवल जुर्माना लगाने की चेतावनी ही जारी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि वसूली तो होनी नहीं है।

जुर्माने की रक़म की वसूली नहीं होने की रिपोर्ट हाल ही में सूचना आयेाग ने राज्यपाल को भेजी। राज्यपाल के आदेश पर कमेटी के सदस्यों की नींद टूटी। अब संबंधित विभागों के मुख्य अधिकारियों को उनके सूचना अधिकारियों पर बक़ाया जुर्माने का पत्र भेज कर जल्द से जल्द राशि वसूलने का आदेश जारी किया गया है। दो साल से सो रहे अधिकारी अब इस आदेश पर कितनी तत्परता से काम करते हैं ये देखने वाली बात होगी।

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