श्रमिक नेताओं को जिलाबदर करने पर आमादा है उत्तराखंड सरकार

श्रमिक नेताओं को जिलाबदर करने पर आमादा है उत्तराखंड सरकार
June 30 07:13 2024

उत्तराखंड रेजिडेंट कमिश्नर आफिस पर जोरदार प्रदर्शन

दिल्ली। उत्तराखंड में जिला उधम सिंह नगर(रुद्रपुर) के औद्योगिक क्षेत्र में मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों और कम्पनी ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों को जिला प्रशासन द्वारा प्रताडि़त करने व गुण्डा एक्ट 2/3 सहित कई फर्जी मुकदमे लगाकर जिला बदर करने की साजिश के खिलाफ उत्तराखंड रेजिडेंट कमीश्नर के आफिस पर दिल्ली के अनेक संगठनों द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया। इंकलाबी मजदूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट और रुद्रपुर में स्थित डॉल्फिन कंपनी के पांच मजदूर नेताओं के खिलाफ जिलाधिकारी उधम सिंह नगर ने 19 जून 2024 को गुण्डा एक्ट की धारा 2/3 लगाकर जिला बदर करने हेतु एक धमकी भरा नोटिस जारी किया है। कार्यक्रम में शामिल जन पक्षधर संगठनों एवं मजदूर संगठनों के सभी वक्ता प्रतिनिधियों ने अपर जिला अधिकारी द्वारा जारी की गई नोटिस को घृणित एवं दुर्भावनापूर्ण बताते हुए उक्त मजदूर विरोधी कार्रवाई की कठोर शब्दों में निंदा किया। प्रदर्शन में शामिल मजदूर एवं उनके प्रतिनिधि रुद्रपुर जिला प्रशासन की अनुचित एवं असंवैधानिक कार्रवाई से काफी आक्रोशित थे।

मज़दूर नेताओं ने बताया कि श्रम कानूनों को लागू करवाने व न्यूनतम वेतन को बढ़ाने को लेकर डॉल्फिन फैक्ट्री के मजदूरों ने 29 जनवरी 2024 को फैक्ट्री में हड़ताल कर दी थी। जिसके बाद श्रम विभाग की मध्यस्थता में मालिक और मजदूरों के बीच न्यूनतम वेतन देने सहित अन्य बिंदुओं पर समझौता हुआ। लेकिन कुछ दिन बाद ही फैक्ट्री मालिक मजदूरों का दुश्मन हो गया। उसने श्रम कानूनों को दरकिनार कर स्थायी कर्मचारियों से जबरन त्यागपत्र लेकर उन्हें ठेकेदार के तहत फिर से भर्ती कर लिया। इसकी शिकायत श्रम विभाग से की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मज़दूरों की जायज मांग के लिए संघर्ष करने वाले मज़दूरों पर मालिक के गुंडों द्वारा 5 मई, 5 जून और 16 जून को हमला करवाया गया।
मालिक और उसके गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने बजाय पुलिस ने श्रमिक नेता कैलाश भट्ट व पांच अन्य मजदूरों पर गुंडा एक्ट लगा कर केस दर्ज कर लिया और उन्हें जिला बदर का नोटिस दिया जा रहा है।

डॉल्फिन फैक्ट्री के मजदूर कानूनन न्यूनतम वेतन, बोनस देने, परमानेंट मजदूरों को ठेकेदार के तहत नियोजित करने व मजदूरों को अवैध रूप से निकालने के खिलाफ संवैधानिक और शांतिपूर्ण ढंग से संघर्ष ृकर रहे है। इसके विपरीत डॉल्फिन प्रबंधन की फर्जी व झूठी शिकायतों के आधार पर फर्जी मुकदमे दर्ज करा मज़दूरों को तोडऩे पर आमादा है और पुलिस एक तरफा कार्रवाई कर रही है। पुलिस प्रशासन की यह एक घटिया व मजदूर विरोधी परम्परा बन चुकी है कि जब भी मजदूर अपने हक के लिए आगे आते है, तो उन पर मुकदमे दर्ज होते है या शांति भंग की आंशका में पाबंद किया जाता है। अभी हाल ही में नील ऑटो (जे.बी.एम.), रॉकेट इण्डिया, डॉल्फिन के मजदूरों से लेकर नेस्ले, लुकास टी वी.एस., इंटरांक, वोल्टास, भगवती आदि तमाम फैक्ट्री के मजदूर ऐसे ही पाबंद किए जा चुके हैं।

मजदूरों एवं उनके नेताओं का शोषण उत्पीडऩ करने तथा उन पर भांति भांति के फर्जी मुकदमे लादकर प्रताडि़त करने के खिलाफ सभी संगठन अपनी मांगों का एक ज्ञापन रेजिडेंट कमीश्नर उत्तराखंड के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजना चाहते थे। लेकिन अग्रिम सूचना होने के बावजूद रेजिडेंट कमीश्नर और उसके आफिस ने अपनी अकड़ दिखाते हुए ज्ञापन लेने से मना कर दिया।सिक्योरिटी गार्ड के रूप में गेट पर तैनात उत्तराखंड पुलिस के जवान ने बताया कि मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं तथा साहब उनकी खातिरदारी में लगे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुष्कर सिंह धामी सरकार एवं मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई एवं नारेबाजी किया। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में मजदूर आंदोलन को और अधिक मजबूत करने का आह्वान किया। क्रांतिकारी गीत, दमदार भाषण एवं नारेबाजी के साथ सभा लगभग ढाई घंटे तक चली। सभा के अंत के साथ ज्ञापन को रेजिडेंट कमीश्नर उत्तराखंड के गेट पर चिपका दिया गया। ज्ञापन में की गईं मुख्य मांगें इस प्रकार हैं-

1. इंकलाबी मजदूर केन्द्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट व डॉल्फिन मजदूरों पर गुंडा एक्ट सहित सभी फर्जी मुकदमे रद्द करो।
2. श्रम कानूनों की उल्लंघना करने वाले व मजदूरों पर हमला करवाने वाले डॉल्फिन फैक्ट्री मालिक व उसके गुंडो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल में डालो।
3. सिडकुल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत द्वारा मजदूरों पर लगाए गए सभी मुकदमों की निष्पक्ष जांच हो।
4. मालिकों की सेवा बंद करो व शोषण उत्पीडऩ पर रोक लगाओ।
5. उत्तराखण्ड सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन प्रत्येक फैक्ट्री में लागू करो।
6. डॉल्फिन, लुकास टीवीएस, करोलिया लाइटिंग, इंटर्शक सहित सभी पीडि़त मजदूरों को न्याय दो।

इंकलाबी मजदूर केंद्र की पहल पर आयोजित प्रदर्शन में क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, श्रमिक संग्राम कमेटी, बेलसोनिका मजदूर यूनियन (गुडग़ांव), प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, मजदूर एकता केंद्र, इफ्टू (सर्वहारा), औद्योगिक ठेका मजदूर यूनियन(फरीदाबाद), डेमोक्रेटिक पीपुल्स फ्रंट, क्रांतिकारी मजदूर मोर्चा (हरियाणा), टीयूसीआई, क्रांतिकारी किसान सभा, इफ्टू, मजदूर सहयोग समिति, लोक पक्ष एवं परिवर्तनकामी छात्र संगठन आदि के प्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ता-सदस्यों ने भागीदारी किया तथा कार्यक्रम को संबोधित किया।

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Mazdoor Morcha
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