श्रद्धालुओं को लूटने का केंद्र है हरिद्वार का श्री कृष्ण कृपा धाम

श्रद्धालुओं को लूटने का केंद्र है हरिद्वार का श्री कृष्ण कृपा धाम
June 02 07:27 2024

मजदूर मोर्चा ब्यूरो
लोगों को धर्म का मर्म त्याग और दान बताने वाले कथित गीता मनीषि ज्ञानानंद महाराज धार्मिक चोले की आड़ में लालची व्यापारी बन चुके हैं। हरिद्वार में उनके श्री कृष्ण कृपा धाम का प्रचार तो ऐेसे किया जाता है कि जो वहां गया लौटना ही नहीं चाहेगा। इसी भावना से ओतप्रोत करनाल का एक परिवार धाम पहुंचा तो वहां धर्म के नाम पर लूट और ठगी का शिकार हो गया। हरिद्वार जैसी धार्मिक नगरी में इस प्रकार की लूट देख कर इस परिवार का धार्मिक पाखंडों से मोह समाप्त हो गया है।

करनाल में रहने वाले शर्मा परिवार के मुखिया के अनुसार उसने सुना था कि हरिद्वार में श्री कृष्ण कृपा धाम का वातावरण सनातन धर्म के अनुसार स्वच्छ शुद्ध और धार्मिक है। आश्रम में आने वाले के रहने, खाने, चाय-पानी की निशुल्क व्यवस्था की जाती है। श्रदधालु जितने दिन चाहे आश्रम में आराम से रह सकता है। आश्रम के पुरोहित की मुधर वाणी मन मोह लेती है। इस आश्रम के संचालक गीता मनीषी ज्ञानानंद हैं।

उनके अनुसार इतनी प्रशंसा सुनने पर वह धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए परिवार सहित हरिद्वार जा पहुंचे। श्री कृष्ण कृपा धाम में घुसते ही सच्चाई सामने आ गई। आश्रम में मौजूद पुरोहित ने व्यापारी की तरह बात करते हुए एक कमरे का एक दिन का किराया डेढ़ हज़ार रुपये बता दिए। जबकि बाहर होटल में इतना ही बड़ा कमरा 800 से लेकर 1000 रुपये में मिल रहा था। बावजूद इसके परिवार ने धाम में ही रुकने का निर्णय लिया। निशुल्क भोजन तो छोडि़ए पानी की भी व्यवस्था नहीं थी। बाहर जो चाय दस रुपये में मिलती है उसके लिए धाम की कैंटीन वालों ने पंद्रह रुपये वसूले। बच्चों के लिए भोजन या दूध की मांग की गई तो निष्ठुरता से कोई व्यवस्था नहीं होने का जवाब दे दिया गया। हर कदम पर ठगी का शिकार होने के बावजूद उन्होंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं कम से कम यहां के पुरोहित तो प्रेम से बात करेंगे और आस्था से पूजा पाठ करवाएंगे लेकिन यहां भी उन्हें झटका लगा। पुरोहित ने सीधे मुंह बात करना भी उचित नहीं समझा और हर काम के दाम बता दिए।

ठगी और दुव्र्यवहार से आहत परिवार का कहना है कि इन आश्रमों में गीता मनीषी ज्ञाननंद सहित अन्य संत आम जनता को धन से मोह न करें, धन साथ नही जाएगा जैसे प्रवचन देते हैँ। लेकिन खुद इसके विपरीत आचरण कर धर्म को बदनाम कर रहे हैं और आस्थावानों के विश्वास को ठेस पहुंचा रहे हैं। श्री कृष्ण कृपा धाम में धर्म के नाम पर अधर्म का बोल बाला ही नजर आया।

सुधी पाठकों को बताते चलें कि कथित गीता मनीषि ज्ञानानंद महराज पूर्व सीएम खट्टर के दलाल के रूप में कुख्यात है। सत्ता का करीबी होने के कारण जेल में बंद लोगों को छुड़वाना, जेल मेंं सुविधाएं उपलब्ध कराना, या किसी को जेल भिजवाने में इसको महारत हासिल है। भाजपा सरकार के गीता जयंती समारोह में अहम भूमिका निभाने के कारण ज्ञानानंद को राजनीतिक रूप से मजबूत संत माना जाता है। अब जिस संत को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त हो उसे आश्रम में आस्थावानों से लूट कमाई करने से कौन रोक सकता है।

करनाल निवासी आजाद शर्मा जी ने ज्ञानानंद महाराज गीता मनीषी के हरिद्वार स्थित आश्रम यानी दूसरे शब्दों में कहें तो ‘व्यापारिक संस्थान’ की अपनी फेसबुक वाल पर हकीकत बयां कर दी। इसके बाद भक्तों का इतना दबाव पड़ा कि शर्मा जी को फेसबुक से अपनी टिप्पणी हटानी पड़ी। ये खुला सत्य है कि हरिद्वार स्थित कुछ आश्रम श्रृद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था करते हैं और श्रृद्धालु भी वहां श्रृद्धा सम्मान दान देते हैं। लेकिन अनेक ऐसे आश्रम भी हैं, जहां बड़े होटल्स के बराबर कमरों के रेट हैं। ये तथाकथित साधु-संतों का बिजनेस है। धर्म और आस्था की आड़ में चलाये जा रहे इन ‘बिजनेस सेंटर्स’ को आश्रम कहना आम लोगों के साथ धोखा है। और ऐसा ही धोखा आजाद शर्मा जी के साथ हुआ है।

view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles