फऱीदाबाद (मज़दूर मोर्चा) मज़दूरों का शोषण करने के लिए बदनाम आईएमटी सेक्टर 68 स्थित इंपीरियल ऑटो कंपनी के प्रबंधन ने कामगारों को दिए जा रहे घटिया भोजन की शिकायत करने वालों को ही नौकरी से निकाल दिया। श्रमिक कल्याण विभाग से न्याय की उम्मीद नहीं होने पर पीडि़तों ने पुलिस की शरण ली। पुलिस ने भी पहले कम्पनी प्रंबधन का पक्ष लिया लेकिन पुख्ता सुबूत सामने आने पर दोनों पक्षों में समझौता करा दिया। कम्पनी प्रबंधन ने हटाये गये मजदूरों को वापस लेने का वादा किया है।
गांव पन्हेड़ा कला निवासी नारायण सिंह इंपीरियल ऑटो कंपनी में बीते तीन साल से काम कर रहे थे। उनके अनुसार कंपनी प्रबंधन की ओर से मज़दूरों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। इसके लिए तीस रुपये प्रति थाली मज़दूर के वेतन से काटा जाता। कैंटीन का खाना इतना घटिया होता है कि कई मज़दूर खाकर बीमार हो चुके हैं। इसकी शिकायत कंपनी के क्वालिटी हेड बिजेंद्र भाटी सहित प्रबंधन से बार बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके विपरीत कंपनी ने यह व्यवस्था लागू की कि जिस मज़दूर की पंचिंग होती यानी हाजिरी लगती, वो चाहे कैंटीन का खाना खाए या न खाए उसके नाम पर एक डाइट चढ़ जाती यानी तीस रुपये काट लिए जाते। मज़दूरों ने इस पर कंपनी प्रबंधन कैंटीन का टोकन जारी करने का निवेदन किया, ताकि जो भी कैंटीन में खाना चाहे खाए या जो घर से भोजन लाना चाहे उसके पैसे वेतन से न काटे जाएं, लेकिन प्रबंधन ने इसे नहीं माना। 14 फरवरी 2024 को कैंटीन की ओर से गुजरते हुए नारायण सहित अन्य मज़दूरों ने देखा कि कैंटीन कर्मी आलुओं को पैर से मसल का धो रहा है, राजमा भी पैरों से धोकर साफ किया जा रहा था और सब्जी भी काफी गंदी थी। बताया जा रहा है कि आटा भी पैरों से गूंधा जाता है। कैंटीन में गंदगी और सड़े हुए भेाजन की बदबू फैली हुई थी। मज़दूरों ने इसकी वीडियो बनाई तो कैंटीन के कर्मचारी लड़ाई पर उतारू हो गए और गाली गलौज की गई। मज़दूरों ने प्रबंधन से इसकी शिकायत की तो वहां भी धमकी दी गई और नौकरी से निकालने की धमकी दी गई।
कंपनी प्रबंधन ने सहयोग नहीं किया तो पीडि़त मज़दूर शिकायत दर्ज कराने आईएमटी चौकी गए। आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने शिकायत दर्ज करने के बजाय कंपनी प्रबंधन को जानकारी दे दी। इस पर प्रंबंधन ने इन मज़दूरों के साथ जमकर अभद्रता की और दूसरे दिन नौकरी से निकाल दिया। नियमानुसार मज़दूरों को एक माह का नोटिस और वेतन देने के बाद ही नौकरी से हटाया जाता है लेकिन कंपनी प्रबंधन ने मज़दूरों को यह कहते हुए बाहर निकाल दिया कि यूनियनबाज़ी करोगे तो काम नहीं करने देंगे। मंगलवार को क्रांतिकारी मज़दूर मोर्चा के कामरेड सत्यवीर को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने पीडि़त मज़दूरों से संपर्क किया। मज़दूरों ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी में कंपनी प्रबंधन ने निकाले गए मज़दूरों को दोबारा रखे जाने पर सहमति व्यक्त की है। कॉमरेड सत्यवीर ने कहा कि संगठन हमेशा शोषित मज़दूरों के साथ है, इंपीरियल ऑटो में मज़दूरों को शुद्ध और स्वच्छ भोजन मिले, जो मज़दूर भोजन नहीं करते उनके वेतन से डाइट का पैसा न काटा जाए इसके लिए कंपनी प्रबंधन से वार्ता की जाएगी।