शिकायत लेकर आई महिला से थाने में बलात्कार करने वाला होमगार्ड काटेगा दस साल की कठोर कैद

शिकायत लेकर आई महिला से थाने में बलात्कार करने वाला होमगार्ड काटेगा दस साल की कठोर कैद
July 16 04:32 2024

रनाल(जेके शर्मा) इंसाफ की आस में शिकायत लेकर थाने पहुंची महिला को वहां तैनात होमगार्ड गुलाब ने कार्रवाई का झांसा देकर उससे जबरन दुष्कर्म किया। दो साबित होने पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ.वीके गोयल ने होमगार्ड को 10 वर्ष के कठोर कारावास की कैद और 20 हजार रुपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर दोषी को 3 महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

जिला न्यायवादी डॉ.पंकज सैनी ने बताया कि 21 फरवरी 2022 को एक महिला लड़ाई-झगड़े के मामले में शिकायत देने थाना घरौंडा में गई थी। वहां उसे होमगार्ड गुलाब पुत्र रामभज निवासी घरौंडा ड्यूटी पर तैनात मिला। महिला ने उसे बताया कि वह झगड़े की शिकायत करने आई है और उसके पास झगड़े की रिकॉर्डिंग है। होमगार्ड ने महिला से कहा कि कमरे में बैठकर मुझे यह रिकॉर्डिंग सुनाना। महिला ने बताया कि उसने होमगार्ड की बातों पर विश्वास कर लिया। होमगार्ड महिला को थाने के पीछे बने एक कमरे में ले गया। वहां उससे जबरन उससे दुष्कर्म किया। जांच में मालूम हुआ कि यह कमरा थाने की मैस में कार्य करने वाले कुक का था।

महिला ने होमगार्ड गुलाब के खिलाफ थाना घरौंडामें दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने थाने में लगे कैमरों की सीसीटी फुटेज व कमरे में मिले सबूतों के आधार पर होमगार्ड के खिलाफ 21 फरवरी 2022 को दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया।

जिला न्यायवादी डॉ.पंकज सैनी ने बताया कि महिला से दुष्कर्म का मामला कोर्ट में 2 वर्ष से विचाराधीन चल रहा था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से उप-जिला न्यायवादी अमन कौशिक व सहायक जिला न्यायवादी हिना रानी मामले की पैरवी कर रहे थे। अदालत में अभियोजन पक्ष ने सबूतों व गवाहों को मजबूती से पेश किया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ.वीके गोयल ने चिह्नित अपराध के मामले में दुष्कर्म के आरोपी गुलाब सिंह को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा के आदेश पारित किए हैं। साथ ही दोषी को 20 हजार रुपये जुर्माना भरने के आदेश भी दिए हैं। जुर्माना न भरने पर दोषी को 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

जिला न्यायवादी डॉ.पंकज सैनी ने बताया कि सरकार के आदेशों के मुताबिक चिह्नित अपराधों में दोषी को कड़ी सजा दिलाने के लिए हमारे पूरे प्रयास रहते हैं। सभी सरकारी अधिकारी ईमानदारी व सच्ची लगन से केस की पैरवी करते हैं। इसके साथ ही सूबतों और गवाहों को मजबूती से पेश किया जाता है, ताकि इन अपराधों से जुड़ेे दोषियों को सजा मिल सके। उच्च अधिकारियों की गंभीरता भी इन चिह्नित अपराधों के केसो में बनी रहती है और समय-समय पर इन मामलों में जानकारी लेते रहते हैं। इससे पहले भी ऐसे मामलों में दोषियों को कड़ी सजा मिली है। दोषियों को सजा मिलने से समाज में संदेश जाता है कि अपराधी गतिविधियों में संलिप्त होने से दोषी बच नहीं सकता, इसलिए अदालत ओर सजा का डर अपराध को कम करने में मददगार साबित होता है।

  Article "tagged" as:
  Categories:
view more articles

About Article Author

Mazdoor Morcha
Mazdoor Morcha

View More Articles