करनाल (मज़दूर मोर्चा) सिंचाई विभाग के डकैत अधिकारियों की लूट के चलते घरौंडा गंदा नाला गांव मलिकपुर, शेखपुरा खालसा, गुढा, कोहंड गांव के खेतों से होता हुआ बाबरपुर के गंदे नाले में जाने वाला किसानों के लिये स्थायी मुसीबत बना हुआ है।
हर साल इसी सफाई के लिये लाखों रुपये के टेंडर छोड़े जाते हैं लेकिन काम एक धेले का भी नहीं होता। सारी रकम को ठेकेदार व अधिकारी मिलबांट कर डकार जाते हैं। होता यह है कि ठेकेदार अपनी बड़ी-बड़ी मशीनें लेकर उस समय आता है जब धान के खेतों से होकर उन मशीनों का गुजर पाना सम्भव नहीं हो पाता। ठेकेदार केवल मशीनों को आस-पास खड़ा करके उनका प्रदर्शन करता है और मोटे बिल बना कर, अफसरों से मिलबांट कर लेता है।
इस मसले को लेकर तमाम गांवों के सरपंच ने इकट्ठा होकर सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट जेपी शेखपुरा के नेतृत्व में उपायुक्त को ज्ञापन दिया। उनकी एकमात्र मांग है कि बरसात के समय सफाई के नाम पर पैसा बर्बाद करने के बजाय बरसात से पहले अप्रैल-मई में, जब खेत खाली होते हैं तब सफाई का काम कराया जाए। किसानों की यह भी मांग है कि हर साल की सफाई के बजाय यदि नाले को पक्का कर दिया जाय तो किसानों की फसल हर साल बर्बाद होने से बच सकती है।