करनाल, मज़दूर मोर्चा ब्यूरो मैने ये निम्नलिखित शब्द डीसी साहब एवं नगर निगम कमीशनर को व्हट्स्प के माध्यम से भेजे थे।
आदरणीय उपायुक्त महोदय जी नमस्कार मै आपके साथ करनाल के सॉलिड वेस्ट प्लांट की कुछ फ़ोटो व विडीओ साँझा करना चाहता हूँ जिसमें यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि नगर निगम के अधिकारी ठेकेदार के साथ मिलकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं ओर अपनी जेब गरम कर रहे है ।
करनाल सॉलिड वेस्ट प्लांट पर कचरे की प्रॉसेसिंग का कार्य केएल मदान ठेकेदार को दिया गया है जो कि सारा कचरा प्रॉसेस करने की बजाए प्लांट से बाहर ले जा कर खेतों में दबा रहा है ओर नगर निगम से कचरे की प्रॉसेसिंग की पेमेंट ले रहा है । इस टैंडर को लेने के लिये जो शर्तें पूरी होनी चाहिए थी वो यह पूरी नहीं कर पाया, फिर भी इसको टैंडर दिया गया। यह ठेकेदार अधिकारियों का प्यारा इसलिए है क्योंकि सभी सम्बंधित अधिकारी इसके नाम पे टैंडर डालकर इसको 10 प्रतिशत देकर बाक़ी आपस में बॉंट लेते हैं।यह ठेकेदार 5-6 साल से यहॉं कूड़े के 90 प्रतिशत काम अकेला कर रहा है। अब तो अख़बार और लोकल चैनल पे भी इसकी मज़बूत पकड़ हो गई है। यह कार्य ठेकेदार , कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता सबकी मिलीभगत से किया जा रहा है ।
प्लांट पर लगी हुई मशीन कंडम आवस्था में है जो कि एक दिन में 30-40 टन से अधिक कचरा नही निकाल सकती जिससे ये प्रॉसेसिंग का कार्य दिखाकर पेमेंट ले रहे है । जब आप प्लांट पर जाएँगे आपको सभी चीजें स्पष्ट हो जाएँगी। मैं मौक़े पर जा कर दिखा सकता हूँ कि इसने कहॉं कहॉं कूड़ा डाला है। इस ठेकेदार और अधिकारियों के कारनामें देखकर आपकी आँखें खुली की खुली रह जाएँगी।
निवेदक-बलविन्द्र सिंह पार्षद नगर निगम करनाल 9254180000 मैने घोटाले से संबंधित बहुत से वीडियो और फ़ोटो डीसी साहब और नगर निगम कमीशनर को आज भेजे लेकिन डीसी साहब ने ये सब सबूत देखने के बाद मेरा फ़ोन तक नहीं उठाया और जॉंच करने आए एनजीटी कोर्ट के जज को यहीं डीसी साहब ने अपने दफ़्तर से ही संतुष्ट करके भेज दिया। मुझे कहीं से जज साहब के साथ आये बाबू राम जी का नंबर मिल गया और मैंने उस नंबर पे घोटाले वाली वीडियो सैंड कर दी और साथ ही कुछ मीडिया वाले भाईयों को भी वीडियो सैंड कर दी। फिर जज साहब कर्ण लेक से वापिस आए और कचरा प्लॉट पर पहुँच गए। पीछे पीछे मैं और लाडी सन्धु भी पहुँच गए। वहॉं पर मेरे पेज पर लाइव होकर सारे घोटालों को जज साहब के सामने खेतों में जाकर दिखाया। अभी 3-4 जगह पे ही घोटाले दिखाए थे और 5-6 जगह और दिखानी चाही तो जज साहब बोले कि अब और दिखाने के लिये बचा ही क्या है। वो भी इतने बड़े लेवल के घोटाले को देखकर हैरान हो गये। साथियों कुनाल मदान इस टैंडर के लिये क्वालीफ़ाई नहीं करता था फिर भी अधिकारियों ने इसके नाम टैंडर छोड़ दिया क्योंकि अधिकारी इसके नाम टैंडर खुद लेते हैं। इस टैंडर अनुसार शहर का कूड़ा प्लॉंट में लेजाकर उसकी खाद बनाकर देनी होती है लेकिन अधिकारी और ठेकेदार मिलकर शहर से उठाकर प्लांट पर ले जाकर वहॉं पे तौल करके सरकार को बिल भेज देते थे और फिर रात को डम्पर में लादकर गहरे खेतों में डाल देते थे। इस तरह ठेकेदार और अधिकारी नगर निगम से भी लगभग 6000/- प्रति डम्पर लेते थे और किसान से भी 2000 से 3000/- प्रति डम्पर ले लेते थे और प्रतिदिन लगभग 20 डम्पर बेचते थे और अदाजा 50 लाख प्रति महीना कुनाल मदान और अधिकारी शहर की भोली भालीं जनता को चूना लगा रहे थे।
यह तो मात्र कूड़े के एक टैंडर का घोटाला है । कुनाल मैदान के कूड़े के ऐसे कई टैंडर हैं बाकि आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं। मैने मौक़े पर जाकर जज साहब को दिखा दिया है और बलविन्द्र सिंह के नाम पे जो मेरा पेज है उस पर लाइव भी कर दिया है।