शहंशाह खट्टर ने लगाया राजदरबार, जनता की शिकायतें सुनने की नौटंकी

शहंशाह खट्टर ने लगाया राजदरबार, जनता की शिकायतें सुनने की नौटंकी
October 23 14:23 2022

फरीदाबाद (म.मो.) जिस मुख्यमंत्री को अपनी जनता की शिकायतें व समस्यायें अपने दफ्तर में बैठ कर नजर न आती हों तो उसे गली-गली व घर-घर भटकने के बावजूद भी कुछ नजर आने वाला नहीं है। सीट पर बैठे-बैठे ही राज्य के चप्पे-चप्पे की जानकारी प्राप्त करने के लिये मुख्यमंत्री के पास काफी लम्बा-चौड़ा प्रशासनिक अमला होता है। लेकिन
यह अमला उतना ही और वैसा ही काम करता है जितना और जैसा कि मुख्यमंत्री चाहे।

सरकारी अमले के अलावा मीडिया भी सभी तरह की जानकारियां उपलब्ध कराने का सरल एवं सटीक स्रोत है। लेकिन यहां जानकारियां लेना कौन चाहता है और क्यों चाहेगा, क्योंकि उसे तो करना कुछ है नहीं? हां, कुछ न करने के साथ-साथ, जनता को बेवकूफ बनाने के लिये कुछ करते हुए दिखना बहुत जरूरी है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिये खट्टर महोदय ने यहां पर दिनांक 16 अक्टूबर रविवार के दिन दरबार लगा कर जनता की शिकायतें सुनने का नाटक किया।

इससे एक दिन पूर्व भी ग्रीवेंस कमेटी की मासिक बैठक लेकर जनता की समस्याओं का समाधान करने का नाटक किया था। यह नाटकबाजी खट्टर सरकार की पूर्ववर्ती सरकारें भी लगभग इसी तरह परम्परागत ढंग से करती रही थीं। इस मीटिंग से संतुष्टि न पाकर खट्टर ने अगले ही दिन के लिये दरबार का आयोजन कराया। इसके लिये प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व ही जनता से शिकायतें लेनी शुरू कर दी थीं। नासमझ जनता को लगने लगा था कि खट्टर साहब उनकी शिकायत सुनेंगे और तुरन्त समाधान करके उसे निहाल कर देंगे।

जानकार बताते हैं कि कुछ शिकायतें लेने के बाद, हजारों में आये शिकायतकर्ताओं को भगा दिया। दरबार में आने के लिये उमड़ी भीड़ को भी पुलिस ने भगा दिया था। करीब तीन घंटे चले इस नाटक में खट्टर ने 15 शिकायतें तो सुनी बाकी शिकायतों का ग_र अपने उन्हीं प्रशासनिक अधिकारियों के सुपुर्द कर गये जिनकी नालायकी एवं बेइमानी के चलते ये समस्यायें पैदा होती हैं। यदि ये अधिकारी समाधान करने लायक होते तो ये समस्यायें पैदा ही न होती।

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Mazdoor Morcha
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