फरीदाबाद (म.मो.) नगरवासियों को नागरिक सुविधायें प्रदान करने के नाम पर हजारों करोड़ ठिकाने लगाने के बावजूद जनता सीवर, पेयजल, रात के अंधेरे मेंं टूटी एवं खड्डेदार सडक़ों की समस्याओं से जुझ रही है।
जवाहर कॉलोनी, पर्वतीया कालोनी, पंजाबी कॉलोनी व डबुआ जैसी सबसे घनी आबादी वाले इन समस्याओं से अत्यधिक परेशान हैं। पानी तो जैसे-तैसे खरीद कर पी लेते हैं, अंधेरी व गड्ढेदार सडक़ों से भी बच-बचाकर निकल जाते हैं, लेकिन उस सीवर का सड़े पानी का क्या करें जो उनके घरों तक में घुसने को आतुर रहता है। इन तमाम मसलों को लेकर क्षेत्र के कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा लगातार आवाज बुलंद करते आ रहे हैं। सीवर के पानी में बैठ कर विरोध प्रदर्शन करने के साथ-साथ ग्रीवेंस कमेटी में भी मुद्दे को उठा चुके हैं। बीते शनिवार को हुई इस मीटिंग में मुख्यमंत्री खट्टर ने उनके इस अधिकार को भी छीन लिया।
क्षेत्रीय जनता की इन समस्याओं पर राजनीति करने में भला ‘आप’ जिला अध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना क्यों पीछे रहने लगे? विधायक नीरज शर्मा ने तो सीवर के पानी में बैठ कर विरोध प्रदर्शन किया था तो भड़ाना ने उसी पानी में स्नान करके प्रदर्शन कर दिया। इन दोनों का जवाब देने के लिये कोई नेता इस पानी में खाना न पकाने लग जाये। अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़ाना ने नीरज के विरोध प्रदर्शन को पाखंड बताते हुए पूरी समस्या के लिये उन्हें ही दोषी ठहरा दिया। लगता है कि नेताओं को जनता की समस्याओं में कम और अपने राजनीति चमकाने में अधिक रूचि है। दूसरी ओर सरकार इन नेताओं की क्षमता एवं हकीकत से अच्छी तरह वाकिफ है। वह इन्हें टिच भी नहीं समझती है। यदि इन नेताओं के पास जन-बल होता तो इन नेताओं के सामने सरकार कभी की झुक गयी होती और समस्या का समाधान हो गया होता। यदि इन नेताओं में दम होता और जनता का पूरा समर्थन होता तो खट्टर की क्या मजाल जो इनकी सुनवाई न करे। जनता की ताकत का तल्ख स्वाद, खट्टर जी घरोंडा व हिसार आदि क्षेत्रों में अच्छी तरह चख चुके हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि फरीदाबाद की जनता उन्हें वैसा स्वाद नहीं चखायेगी। इसलिये उक्त विरोध प्रदर्शनों का कोई संज्ञान लेने की अपेक्षा वे इन्हें मनोरंजन की तरह ले रहे हैं।