करनाल। मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट. एवं.सचिवए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण करनाल सुश्री जसबीर बुधवार को जिला जेल का निरीक्षण किया और बंदियों से बातचीत की। बंदियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यदि उनके पास अपने मामलों की रक्षा के लिए कोई कानूनी सहायता वकील नहीं है तो वे जेल अधीक्षक के माध्यम से अपना आवेदन भेज सकते हैं, ताकि कानूनी सहायता वकील उनके मामलों में लगे रहे। जेल प्रशासन द्वारा उन्हें दी जा रही सुविधाओं के संबंध में उन्होंने कोई शिकायत नहीं की है। इस अवसर पर सीजेएम द्वारा जिला कारागार करनाल में जेल लोक अदालत का आयोजन किया। छोटे अपराधों में शामिल 6 अपराधों जैसे कि घोषित अपराधी, चोरी आदि को सीजेएम के समक्ष लाया गया जिनमें से 1 कैदी को उनके कबूलनामे के आधार पर अन्डरगोन किया गया। निरीक्षण के दौरान अधीक्षक अमित भादु, उपाधीक्षक अशोक कम्बोज एवं शैलाक्षी भारद्वाज उपस्थित रहे।
निरीक्षण के दौरान सीजेएम ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि कैदियों के उपयोग के लिए दैनिक जरूरत की वस्तुओं की समुचित व्यवस्थाएं की जाए ताकि उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े। सीजेएम ने जेल अधीक्षक को उन मामलों की छानबीन करने का भी निर्देश दिया जहां छोटे-छोटे अपराधों में विचाराधीन कैदी हैं ताकि ऐसे मामलों को अगले महीने होने वाली जेल लोक अदालत में इन विचाराधीन कैदीयों के मामलों को रखा जाए। उन्होंने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए कि आरोपी व्यक्ति को हिरासत में लेते समय उसे इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से कानूनी सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। क्योंकि यह उसका संवैधानिक अधिकार है, ताकि निचली अदालत में उसके मामले का उचित रूप से बचाव किया जा सके। उन्होंने जेल अधीक्षक को विशेष रूप से अदालत के समक्ष पेश किए जाने वाले विचाराधीन कैदियों के मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के उनके दायित्वों के बारे में याद दिलाया।