सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या भाजपा की लूट का ठेका पृथ्वी सिंह के पास ही है

सरकार चाहे कांग्रेस की रही हो या भाजपा की लूट का ठेका पृथ्वी सिंह के पास ही है
September 13 04:45 2023

2015 और 2016 में भी खाद्य मिलावट खोरों से मिलीभगत में आया था नाम

पलवल (मज़दूर मोर्चा) मज़दूर मोर्चा के गतांक में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री की खबर छपी थी। खबर में उल्लेख था कि जिला अभिहित अधिकारी पृथ्वी सिंह किस तरह स्टाफ की कमी का रोना रोकर मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने वालों पर अंकुश नहीं लगाता। पिछले करीब बारह साल से फरीदाबाद-पलवल में ही तैनात पृथ्वी सिंह के भ्रष्टाचार और लूट कमाई की खबरें मजदूर मोर्चा में 2015 में भी छपी थीं।

तब पलवल में रहने वाले अजय सिंह ने पृथ्वी सिंह पर सिंथेटिक दूध डेयरी संचालक से मिलीभगत का आरोप लगाया था। अजय सिंह के अनुसार वह बामनी खेड़ा की एक डेयरी से दूध मंगवाते थे। उन्हें दूध की गुणवत्ता खराब लगी तो गोपालजी डेयरी में अपने जानकार लैब टेक्नीशियन से जांच करवाई। जांच में दूध सिंथेटिक निकला। हजारों लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे डेयरी संचालक पर कार्रवाई करने के लिए अजय सिंह ने तब खाद्य सुरक्षा अधिकारी पृथ्वी सिंह से शिकायत कर सैंपल भरने की मांग की थी। अजय सिंह का आरोप था कि पृथ्वी सिहं ने सैंपल नहीं भरने के लिए कई बहाने बनाए और उन्हें टरकाने का प्रयास किया लेकिन वह अड़े रहे। मजबूर होकर पृथ्वी सिंह ने उन्हें अपना फोन नंबर दिया और कहा कि जब डेयरी वाला आए तो उन्हें फोन कर दें, वह मौके पर पहुंच कर सैंपल भर लेंगे। अजय सिंह ने यह बात अपने लैब टेक्नीशियन दोस्त को बताई। दोस्त ने समझाया कि उनके निकलते ही पृथ्वी सिंह ने डेयरी संचालक को फोन कर दिया होगा कि तेरी शिकायत आई है इसलिए कुछ दिन सही काम कर। दोस्त की सलाह मान कर अजय ने सैंपल नहीं भरवाया। हुआ भी वहीं कुछ दिन तक तो सही दूध आया लेकिन फिर गड़बड़ होने लगी तो उन्होंने दूध लेना ही बंद कर दिया।

अजय सिंह ने पृथ्वी सिंह के भ्रष्टाचार की दूसरी घटना भी बताई। उनके एक दोस्त के हल्दीराम ग्रुप से व्यावसायिक संबंध हैं। उनके मुताबिक 2016 में होली के दो तीन दिन पहले वह उसी दोस्त के साथ फरीदाबाद सेक्टर 12 स्थित हल्दीराम रेस्टोरेंट में बैठे थे। इस दौरान उनकी नजर रेस्टोरेंट में रसगुल्लों के सैंपल भर रहे पृथ्वी सिंह पर पड़ी। पृथ्वी सिंह रेस्टोरेंट के मैनेजर से गर्म लहजे में बात कर रहा था। बात बनती नहीं देख मैनेजर अजय सिंह के दोस्त के पास आया और कान में कुछ बता कर मदद मांगी। इस पर उनका दोस्त पृथ्वी सिंह से बात करने गया और कुछ ही देर में मामला शांत हो गया। लौट कर दोस्त ने बताया कि पृथ्वी सिंह रेस्टोरेंट के प्रबंधक से प्रति महीने बंधी राशि के अतिरिक्त बीस हजार रुपये और मांग रहा था। प्रबंधक ने मालिक से पूछे बिना रकम देने से इनकार कर दिया। इससे चिढक़र पृथ्वी सिंह रसगुल्लों का सैंपल भर रहा था। अजय ने पूछा कि यदि सैंपल फेल हो गए तो क्या होगा?

इस पर दोस्त ने कहा कि यदि सैंपल फेल हो गया तो कैद तो होगी ही होगी जुर्माना भी लगेगा। इससे बचने के लिए पचास हजार रुपये दिए जाने पर बात तय हुई है। पृथ्वी सिंह ने पहले एसेंस वाले रसगुल्लों का सैंपल भर कर पर्ची काटी थी। क्योंकि सौदा तय होने के बाद रसगुल्लों का सैंपल बदल दिया जाएगा। दोस्त का कहना था कि महीना बंधा होने के बावजूद अतिरिक्त कमाई के लिए ही सैंपल भरे जाते हैं। जो दुकानदार अतिरिक्त रुपया देता है तो उसका सैंपल बदल दिया जाता है अन्यथा खराब माल ही जांच के लिए भेज दिया जाता है, दबाव में दुकानदार पैसा अदा कर ही देता है। प्राधिकरण के भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि पृथ्वी सिंह राजनेताओं से लेकर उच्चतम अधिकारियों को खुश रखता है, यही कारण है कि वह जगह-जगह दावा करता है कि चाहे जहां उसकी शिकायत कर लो या उसके खिलाफ अखबारों में छाप लो कोई उसे हटवा नहीं पाएगा।

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Mazdoor Morcha
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