फरीदाबाद। सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री कार्यालय से यतींद्र शर्मा संस्कृत अध्यापक पूर्व डीडीओ जीएचएस सेहतपुर पर भ्रष्टाचार के एक मामले में क्रिमिनल एफआईआर दर्ज कराने और गबन किए हुए 37 लाख रुपए रिकवर करने के आदेश शिक्षा विभाग फरीदाबाद की जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी को दिए गए थे। अपनी अक्षमता का परिचय देते हुए और मामले को लटकाने के लिए इस मामले में अधिकारी ने हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशक से मार्गदर्शन मांग लिया।
यतींद्र शर्मा ने पहले से ही निदेशालय में इस मामले को देख रही असिस्टेंट डायरेक्टर शंकुतला संधू से ले-दे कर मामले को रफा दफा करने के लिए सेटिंग कर रखी थी। इसी वजह से एक झूठी इंक्वायरी का हवाला देकर सीएम ऑफिस को गुमराह करने और मामले को लटकाने का प्रयास किया गया। तीन महीने बीतने के बाद भी डीईईओ फरीदाबाद द्वारा यतींद्र पर होने वाली एफआईआर पर मांगे गए मार्गदर्शन का कोई जवाब नही दिया गया है। जबकि इस मामले का उदाहरण मुख्यमंत्री ओएसडी भूपेश्वरदयाल पहले ही मीडिया को दे चुके हैं लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नही वो बस ले दे कर यतिंदर शर्मा जैसे भ्रष्टाचारियों को झूठ बोल कर बचाना चाहती है और निर्दोष अध्यापकों पर तुरंत कार्यवाही करवातीं हैं।
वर्ष 2018 में गांव सेहतपुर निवासी श्री भूपेंद्र शर्मा ने संस्कृत अध्यापक यतींद्र शर्मा पूर्व डीडीओ जीएचएस सेहतपुर फऱीदाबाद द्वारा गरीब विद्यार्थियों को मिलने वाली स्टेशनी और यूनिफार्म के लिए आई 37 लाख रुपए के गबन की सीएम विंडो शिकायत लगाई थी। निदेशालय स्तर की जांच में दोषी पाए जाने के बाद एलिमेंट्री डायरेक्टर ने पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती शशि अहलावत को इस मामले में कार्यवाही के आदेश दिए। लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की क्योंकि वो भी इसी भ्रष्ट गुट से मिली हुई थीं।
अन्तत: ईमानदार और कर्तव्यनिष्ट अधिकारी रितु चौधरी ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बनने के बाद इस मामले में यतींद्र शर्मा को निदेशालय के आदेशों का पालन करते हुए सस्पेंड किया और रूल 7 में दूसरी चार्ज शीट जारी की। अब चूंकि वर्तमान जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी और असिटेंट डायरेक्टर शंकुतला संधू को यतींद्र शर्मा जैसे भ्रष्टाचारियों पर सीएम कार्यालय के आदेशों की कोई परवाह नहीं है तो ऐसे भ्रष्टाचारियों का हौंसला ऐसे ही बढ़ता रहेगा और सैकड़ों यतींद्र शर्माओं को शिक्षा विभाग में पैदा होने की प्रेरणा मिलेगी।
भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में जीएचएस सेहतपुर में ही यतींद्र शर्मा द्वारा एसएसए की ग्रांट से बनाए गए 18 कक्षा कक्ष और किचन निम्न स्तर की सामग्री से बनाने के कारण निर्माण कार्य पूर्ण होने से पहले ही एनआईटी कुरूक्षेत्र की जांच में कंडम घोषित हो गए। इस मामले में भी भूपेंद्र शर्मा द्वारा सीएम विंडो शिकायत की जांच 4 साल से एसपीडी हरियाणा पंचकूला में मुख्यमंत्री के कई आदेशों के बावजूद भी पेंडिंग है और एसपीडी हरियाणा कार्यालय के संबंधित अधिकारी यतींद्र शर्मा से सेटिंग करके उसको बचाने के लिए प्रयासरत हैं।