गांव खेड़ीकला, थाना बीपीटीपी में 90 वर्षीया शांति देवी गाय को रोटी खिला कर पुण्य कमाने के चक्कर में बेमौत मारी गयी। दरअसल शहर के मुहल्ले दर मुहल्ले घूमती भूखों मरती गायों व सांडों का किसी एक-आध रोटी से तो पेट भरने वाला नहीं, इसलिए एक रोटी के लिये तमाम भूखी गाय व सांड रोटी खिलाने वाले पर इस कदर झपट पड़ते हैं कि रोटी खिलाने वाला ही चपेट में आकर मारा जाता है। इसके अलावा सड़कों पर बैठे ये पशु रात के अंधेरे में कई बार वाहन चालकों को दिखाई भी नहीं पड़ते तो दुर्घटना हो जाती है। कई बार सांड आपस में लड़ते हुए भी दुर्घटना का कारण बन जाते हैं। शायद ही कोई माह ऐसा जाता होगा जिसमें इस तरह की दो-चार घातक दुर्घटनाएं न होती हों।
नगर निगम द्वारा गौशालायें बना कर पशुओं के रख-रखाव पर लाखों रुपये प्रति माह के बिल बनाये जाते हैं जबकि तमाम पशु शहर की सड़कों पर आवारा घूमते हुए आम लोगों की जान के ग्राहक बने रहते हैं। कायदे से पुलिस को इन मौतों का संज्ञान लेकर निगम अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, तभी ये घटनाएं रुक पायेंगी।