फरीदाबाद (म.मो.) अजरोंदा गांव की बेशकीमती ज़मीन कौडिय़ों के भाव खरीद कर सरकार ने सेक्टर 15 ए बना कर उस जमीन को अशर्फियों के भाव बेच दिया। इसका सबसे महंगा भाव कमर्शियल एरिया का है जहां सदैव ही पानी भरा रहता है। अधिकांश तो सीवर से बहता है तो कभी बूस्टर से पेयजल को भी बहते देखा जाता है। कूड़े के सड़ते ढेर की बात तो फिलहाल छोड़ ही दी जाय।
इसकी शुरूआत मैट्रो स्टेशन से ही हो जाती है। स्टेशन से उतर कर अजरोंदा चौक की ओर चलें तो फुटपाथ के न होने से सडक़ पर ही चलना पड़ता है और जब उस पर भी पानी भरा खड़ा हो तो सोचिये कोई कैसे चल पायेगा? सडक़ के दायें ओर तो फलाईओवर है और बाईं ओर की खाली जगह की हालत ऐसी बना रखी है जिस पर कोई चल न सके, या तो ऊबड़-खाबड़ है अथवा अवैध कब्जों से घिरी है। मथुरा रोड से बाईं ओर मुडक़र जब 15 ए अथवा अजरोंदा में प्रवेश करते हैं तो एक ओर की साइड ट्रक घेरे रहते हैं तो दूसरी ओर पानी खड़ा रहता है। यही स्थिति सतसंग भवन से लेकर गांव के प्राइमरी स्कूल से आगे तक की बनी रहती है।
स्कूल के साथ वाली मार्केट के लगभग सामने वाटर सप्लाई का बूस्टर स्टेशन है। लोगों के घरों में पानी पहुंचे या न पहुंचे लेकिन इस बूस्टर स्टेशन से पानी ओवरफ्लो होकर सडक़ों पर बहता जरूर देखा जा सकता है। सडक़ों को खराब करने के साथ-साथ यह शुद्ध पेय जल सीवर में जाकर उसे भी ओवरफ्लो करता है। प्रशासन की इसी नालायकी एवं निकम्मेपन को झेलने के लिये अभिशप्त हैं क्षेत्र के निवासी।