रिश्वत देकर पाई तैनाती, रिश्वत लेने में खोइ

रिश्वत देकर पाई तैनाती, रिश्वत लेने में खोइ
February 19 18:54 2022

फरीदाबाद (म.मो.) 15 फरवरी को एमसीएफ का एसई रवि शर्मा अपने क्लर्क रविशंकर सहित, 1.40 लाख रु. की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ। इस व्यवस्था में यह गिरफ़्तारी कोई मायने नहीं रखती। इस तरह के गिरफ्तारियां बहती नदी में से 10-20 बाल्टी पानी भर लेने के समान हैं। जैसे नदी से कुछ बाल्टी पानी निकाल लेने के बाद भी नदी बहती रहती है, उसी तरह कभी कभार दो-चार भ्रष्टाचारियों को पकड़ लेने से लूट कमाइ की इस भ्रष्ट व्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

‘मज़दूर मोर्चा’ के 14-20 नवम्बर, 2021 के अंक में ‘रवि कुमार एसई को एमसीएफ में मिला सेवा विस्तार’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार में बताया गया था कि यह बिना डिग्री का इन्जीनियर रिश्वतखोर अफसरों व नेताओं के लिये कितना कमाऊ पूत है। नगर निगम में अनेकों काले कारनामे कर चुकने के बाद यह नकली इन्जीनियर 31 अक्टूबर 2021 को रिटायर हो गया था। इसके बावजूद इसे एक साल का सेवा विस्तार देकर नगर निगम में डकैतियां मारने के लिये तैनात कर दिया गया था। बेशक इसके तैनाती आदेश पर प्रधान सचिव अरुण गुप्ता ने मोटी वसूली करके आदेश जारी किये थे इसके बावजूद सम्बन्धित मंत्री अनिल विज तथा मुख्यमंत्री खट्टर के कार्यालय ने भी अपनी वसूली कर ली थी। जानकार बताते हैं कि इस तैनाती के पीछे स्थानीय मूलचंद शर्मा का भी पूरा हाथ रहा है।

इन हालात में समझा जा सकता है कि रवि शर्मा को तो यहां तैनात ही केवल लूट-कमाई करने के लिये ही किया गया था, इन्जीनियरिंग से उसका कोई ताल्लुक नहीं था। नगर निगम की इन्जीनियरिंग उसके बिना भी चलती रहेगी। वैसे इस निगम में रवि कोई अकेला डकैत नहीं था। यहां तो नीचे से लेकर ऊपर तक यानी चंडीगढ़ तक सभी एक से एक बड़े डकैत बैठे हैं। पिछले दो अंकों में ‘मज़दूर मोर्चा’ ने ऐसे ही दो डकैतों की विस्तृत कहानी प्रकाशित की थी। उनमें बताया गया था कि निगम में भूखे-नंगे भर्ती हुए लोग कैसे आज सैंकड़ों करोड़ के मालिक बने बैठे हैं। ये कोई अपवाद नहीं हैं, अधिकतर लोग इसी श्रेणी में आते हैं। उनसे कोई पूछने वाला नहीं है कि वे इतने धन-संपत्ति के मालिक कैसे हो गए?

कायदे से तो पकड़े गए रवि की तमाम जायदादों का बही-खाता खंगाला जाना चाहिये, उसके घर की तलाशी होनी चाहिये थी। इस तरह की रेड में पकड़े जाने के बाद उसके घर की तलाशी का नियम होता था लेकिन आज कल कोई उस तरफ झांकता भी नहीं । इस मामले में भी कुछ दिन बाद रवि की जमानत हो जायेगी, गवाहों को तोड़ा जायेगा, सबूतों को नष्ट करके मुकदमे से बरी होने का जुगाड़ बनाया जायेगा। इसमें राजनेताओं का बड़ा सहयोग रहेगा।

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