राजनीतिक हलकों में खट्टर के भी बडख़ल विधानसभा चुनाव से प्रत्याशी होने की चर्चाएं हैँ। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि सीएम सिटी होने के बावजूद करनाल का कोई विकास नहीं हो सका है। शहर में आधारभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रही जनता की नाराजगी आए दिन होने वाले धरने-प्रदर्शन आदि में देखी जा सकती है। ऐसे में खट्टर के लिए दूसरी विधानसभा से चुनाव लडऩे का विकल्प भी तैयार किया जा रहा है। पंजाबी मतदाता बाहुल होने के कारण खट्टर को बडख़ल विधानसभा से भी उतारा जा सकता है। इसके लिए संघ-भाजपा ही नहीं खट्टर खुद भी कई साल से जमीन तैयार कर रहे हैं। मतदाताओं को लुभाने के लिए खट्टर ने निजी बिल्डरों की बसाई ग्रीन फील्ड कॉलोनी, सैनिक कॉलोनी की करोड़ों रुपये की ईडीसी आईडीसी दर किनार करते हुए यानी सरकारी खजाने को चुना लगाते हुए इन्हें रेगुलराइज करने की रेवड़ी बांटी। यही नहीं एनआईटी एक, दो, तीन और पांच में लीज पर दी गई सरकारी प्रॉपटी की रजिस्ट्री करा कर पंजाबी समुदाय को लुभाया गया। माना जा रहा है कि यदि खट्टर बडख़ल विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे तो पंजाबी समुदाय उन्हें इन रेवडिय़ों के बदले वोट देकर उनका अहसान चुकाएगा।